श्रापित हॉस्पिटल: एक daravani horror story


यह डरावनी हॉरर स्टोरी, एक श्रापित हॉस्पिटल की है । उस हॉस्पिटल में एक तांत्रिक की आत्मा ने, हजारों कर्मचारियों को मौत के घाट उतार दिया होता है ।


श्रापित हॉस्पिटल: एक daravani horror story



यह daravani horror story एक श्रापित हॉस्पिटल की है । जब एक अस्पताल में एक जिंदा अघोरी की पोस्टमार्टम कर दी जाती है, तो उसे अघोरी की आत्मा उस अस्पताल के कर्मचारियों के साथ कुछ ऐसा करता है जिससे उन लोगों की रूह कांप जाती है और साथ ही उन लोगों को उस अघोरी की आत्मा तड़पा तड़पाकर मौत के घाट उतार देती है । कहानी काफी इंटरेस्टिंग है । हिंदी में पढ़ने के लिए यह , best Horror Story है ।


श्रापित हॉस्पिटल: एक daravani horror story
श्रापित हॉस्पिटल


कहानी की शुरुआत में हम दो नर्स को देखते हैं जो रात के 12:00 बजे अस्पताल में टहल रही होती है, तभी अचानक उन लोगों को ऐसा एहसास होता है मानो किसी की परछाई उनका पीछा कर रहा है । इसके बाद अचानक राधिका, आयुषी से कहती है यह कैसे हो सकता है, सालों पहले जिस श्रापित आत्मा को इस अस्पताल से निकाल दिया गया था । वह कैसे आ सकता है ‌। राधिका का इतना बात सुनने के बाद आयुषी की रोंगटे खड़ी हो जाती है । आयुषी हाल फिलहाल में ही उस अस्पताल को ज्वाइन की होती है जिसके वजह से, पहले हॉस्पिटल हुई घटनाओं के बारे में उस नहीं पता होता है । इसके बाद आयुषी, राधिका से अस्पताल के काले राज के बारे में पूछने लगती है । पहले तो राधिका आयुषी को कुछ भी बताने से मना कर देती है परंतु, बार-बार आयुषी के जिद करने के कारण, राधिका को उस श्रापित हॉस्पिटल के राज के बारे में आयुषी को बताना पड़ता है ।

इसके बाद राधिका, आयुषी को बताने लगती हैं। आज से लगभग 4, 5 साल पहले, रात के 12:00 के करीब दो लड़के एक अघोरी का लाश लेकर अस्पताल में आए थे और अस्पताल के कर्मचारियों को यह बताया की इस अघोरी की लाश उन लोगों को बीच जंगल में मिली है । अस्पताल के कर्मचारी भी बिना कुछ सोचे समझे, उस अघोरी के लाश को पोस्टमार्टम रूम में भेज देते हैं । उस दिन डॉक्टर भी काफी हरवरी में थे, जिसके वजह से वे लोग, अघोरी के लाश को विना चेक किए । डायरेक्ट पोस्टमार्टम करना शुरू कर दिए। वे लोग जैसे ही उस अघोरी के सीने पर चीरा लगाकर, उसके शरीर से ऑर्गन्स निकलना शुरू किया, अचानक उसके शरीर से एक कला धुआं निकला ।‌ जो कुछ और नहीं बल्कि उस अघोरी का आत्मा था, उस अघोरी काफी गुस्से में होता था । वह अपने कड़वाहट भरे स्वर में कहा, मूर्ख आदमी तुमने मेरे तपस्या को भंग कर दिया । यह क्या किया मुझे मार दिया तुम लोगों ने । अघोरी के आत्मा की आवाज पूरे हॉस्पिटल में घुज जाती है ।‌ पोस्टमार्टम रूम में खड़े हुए, लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं क्योंकि उन लोगों को वहां पर कोई नहीं दिखाई दे रहा था परंतु वह कड़वाहट भरी आवाज, उस रूम के अंदर खड़े लोगों के कानों में सुई की तरह चुभ रही थी ।‌ उस पोस्टमार्टम रूम में खड़े लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही उस अघोरी का आत्मा, डॉक्टर का गला पकड़ कर उसका गला घोंटने लगा । थोड़ी देर में ही, उस रूम में खड़े लोगों को, उस अघोरी की आत्मा रहस्माई तरीके से मौत के घाट उतार दिया । इसके बाद उस अघोरी की आत्मा, पोस्टमार्टम रूम से निकलकर उन दोनों लड़कों की तरह बढ़ने लगा, जो उसे लाश समझकर हॉस्पिटल में लाया था । उस अघोरी की आत्मा ने उन दोनों लड़कों को भी मौत के घाट उतार दिया । अस्पताल में पूरी तरह से हाहाकार मच गया । लोग पागलों की तरह इधर उधर भागने लगे । इतना हाहाकार हो जाने के बाद भी, उस अघोरी का आत्मा,भीड़ में से एक-एक करके सभी लोगों को गला घोटकर मौत के घाट उतार दिया । जिसके बाद से ही इस अस्पताल का नाम श्रापित हॉस्पिटल पड़ गया था ।

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इतना सब सुनने के बाद, आयुषी के रोंगटे खड़े हो गए होते हैं । वह बुरी तरह से डरी हुई होती है, इसके बाद आयुषी कपकपाते स्वर में, राधिका से कहती है । इसके बाद क्या हुआ, क्या किसी तांत्रिक को उस अघोरी के आत्मा को पकड़ने के लिए नहीं बुलाया गया । जिसपर राधिका कहती है हां, एक बार अमावस्या के दिन एक तांत्रिक को, उस अघोरी के आत्मा को पकड़ने के लिए बुलाया गया था । अस्पताल के जितने भी कर्मचारी थे, वे लोग पहले ही बुरी तरह से डरे थे परंतु जब उन लोगों को पता चला कि, आज तांत्रिक आने वाला है ।‌ जिसके वजह से हॉस्पिटल के कुछ कर्मचारी हॉस्पिटल आए होते हैं ।‌ और अपने-अपने काम कर रहे थे दूसरी तरफ वह तंत्रिका तंत्र विद्या करने के लिए अपनी तैयारी कर रहा था ।‌ परंतु जैसे ही शाम के सात बचे, श्रापित हॉस्पिटल के जितने भी कर्मचारी थे । वे लोग अपने-अपने घर गए । वह तांत्रिक अभी भी अपनी तंत्र विद्या को करने के लिए कुछ-कुछ कर रहा था । परंतु जैसे ही आसमान में अमावस्या का पूरा पहड़ शुरू हुआ और रात के 12:00 बजे । अचानक उस अघोरी का आत्मा, उस तांत्रिक के सामने प्रकट हो गया ।‌ इसके बाद वह तांत्रिक उस अघोरी से, इस अस्पताल को छोड़ने के लिए कहा । परंतु उस अघोरी की आत्मा, अस्पताल को छोड़ने से मना कर दिया । जिस पर वह तांत्रिक उस अघोरी से कहा, मैं अपने तंत्र विद्या से सभी देवताओं का आवाहन करूगा और देखता हूं तुम कैसे नहीं इस अस्पताल को छोड़गे । उस तांत्रिक का इतना बात सुनने के बाद, वह‌ अघोरी ठहाके मार कर हंसने लगा और कहने लगा, मैं खुद शिव का उपासक हूं तो मुझे देवताओं के तंत्र विद्या की धमकी मत दो । जिस पर वह तांत्रिक कहा, अगर तुम सच में एक शिव का उपासक हो तो आखिर क्यों निर्दोष लोगों के जान के पीछे पड़े हो, जिस पर वह अघोरी कहा, कैसे निर्दोष है ये लोग, मेरे हत्यारा है ।‌ ये लोग मेरा कत्ल किए हैं । जिस पर वह तांत्रिक कहता है वह सिर्फ एक कोइंसिडेंट था । जिस पर वह अघोरी कहता है तो, इन लोगों का मरना भी मेरे लिए एक कोइंसिडेंट है ।‌ उस तांत्रिक और अघोरी के बीच में यह संवाद चल ही रहा होता है तभी अचानक उस अस्पताल का लाइट पूरी तरह से बंद हो जाता है और उस अंधेरे में, किसी की चीखे गुंजने लगा । ऐसा लग रहा था मानो उसे अंधेरे में कुछ अजीबो गरीब चीज हो रहा था ।

जैसे ही सुबह होती है, अस्पताल के कर्मचारी वहां पर आते हैं तो, वे लोग देखते हैं, उस तांत्रिक का डेड बॉडी हॉस्पिटल के बीचो-बीच पड़ा होता है । उस तांत्रिक के डेड बॉडी को देखने के बाद, ऐसा लग रहा था मानो उसके शरीर को बुरी तरह से किसी जानवर ने फार दिया हो । उसके ऑर्गन्स जगह-जगह पर बिखरे हुए होते हैं ।‌ चारों तरफ खून पसरे होते हैं । इन सभी चीजों को देखने से ऐसा लग रहा था, मानो काफी दर्दनाक मौत उस तांत्रिक को दिया गया । परंतु उस अस्पताल के ओनर ने उस राज को लोगों से छुपा लिया और लोगों में ऐसा बात फैलाया कि उस तांत्रिक ने उस‌ अघोरी की आत्मा को पकड़ कर अपने साथ ले गया ।‌ जिसके बाद लोग धीरे-धीरे, इस श्रापित हॉस्पिटल से डरना कम कर दिए और यह हॉस्पिटल एक बार फिर से पहले की तरह हो गया ।

राधिका और आयुषी इतना बातचीत कर ही रहे होते तभी एक बार फिर से उस श्रापित हॉस्पिटल की बिजली कट जाती है चारों तरफ केवल और केवल अंधेरा छाया होता है । तभी एक बार फिर से, उस अस्पताल के अंदर चारों तरफ चिखे गुजने लगती है । अंधेरा में क्या हो रहा था । किसी को कुछ समझ नहीं आता है । तभी, अचानक कोई चीज बिजली के रफ्तार से, आयुषी और राधिका के सामने से गुजरता है जिसके वजह से, आयुषी और राधिका जमीन पर गिरकर बेहोश हो जाती है । इसके बाद उस अंधेरे में क्या होता है किसी को कुछ पता नहीं चलता है ।

आप लोगों को क्या लगता है दोस्तों, उस श्रापित हॉस्पिटल में उस रात क्या हुआ होगा । क्या एक बार फिर से उस तांत्रिक की आत्मा लौट चुकी है, उस अस्पताल में कहर मचाने के लिए या किसी और वजह से वह चिखे गुज रही थी। कमेंट कर हमें जरूर बताएं ।


श्रापित हॉस्पिटल: एक डरावनी हॉरर स्टोरी, best Horror story for reading : यह हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना देना नहीं है । यह हॉरर स्टोरी केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से बनाया गया है ।

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