पिशाच : best horror story in Hindi | daravani horror story

पिशाच, हिंदी का एक best horror story है , इस स्टोरी का मुख्य पात्र, रमेश और दामिनी है । एक दिन हाईवे से जाते समय, पिशाच उन्हें मौत के घाट उतार देता है ।‌‌

पिशाच : best horror story in Hindi | daravani horror story 


पिशाच,एक daravani horror story है । रमेश और दामिनी हाईवे पर लोगों को पिशाच का डर दिखाकर लूटा करता थे परंतु, एक दिन उन लोगों का सामना एक असली पिशाच से होता है । जो उन लोगों को दर्दनाक मौत देती है ।


पिशाच : best horror story in Hindi

पिशाच : best horror story in Hindi


रात के अंधेरे में, घने जंगल से एक गाड़ी गुजर रही होती है । उस समय वह रोड पूरी तरह से सुन सन्नाटा होता है ।‌ वह गाड़ी जैसे ही जंगल के बीचो-बीच आता है अचानक उसके हेडलाइट का उजाला में, एक औरत दिखाई देती है जो रोड के बीचो-बीच खड़ी होती है । उसका बदन पूरी तरह से, सफेद वस्त्र से ढका होता है । उस औरत के बाल पुरे तरह से बिखरे होते हैं, जो हवा में लहरा रहा होता हैं ‌। उस गाड़ी के ड्राइवर का जैसे ही ध्यान उसे औरत के ऊपर जाता है वह पूरी तरह से घबरा जाता है । घबराहट की वजह से, गाड़ी के ऊपर से उसका कंट्रोल पूरी तरह से हट जाता है ।‌ जिसके वजह से, वह गाड़ी एक पीपल के पेड़ से टकरा जाता है । दूसरी तरफ वह औरत घने जंगल के झाड़ियां में जाने लगती है । तभी उस जंगल से एक आदमी निकलता है, जिसके हाथों में एक धारदार कुल्हाड़ी होता है ।‌ उस कुल्हाड़ी को लेकर वह आदमी उस गाड़ी की ओर जाने लगता है, जिस गाड़ी का अभी अभी एक्सीडेंट हुआ होता है । वह आदमी जैसे ही उस गाड़ी का दरवाजा खोलना है वह देखता है, जोरदार टक्कर के कारण उस गाड़ी का ड्राइवर बेहोशी की हालत में, ड्राइविंग सीट पर परा हुआ होता है । वह आदमी बेरहमी से, कार में बेहोश परे आदमी का गला, कुल्हाड़ी से काटने लगता है जिसके बाद, उस आदमी के पास रखें वेश कीमती चीजों को चुराने लगता है । वह आदमी उस बेस कीमती चीजों को लेकर, उस सफेद पहने‌‌ औरत के पास जाता है और कहता है देखो दामिनी, आज कितने वेश कीमती चीज मिले हैं हमें ।‌ दामिनी उस आदमी की बातो को सुनने के बाद भी, कोई रिप्लाई नहीं देती है। ऐसा लग रहा था मानो दामिनी किसी चिंता में डूबी हुई हो । उस आदमी के बार-बार कहने पर दामिनी कहती है, रमेश आखिर कब तक हम लोग ऐसे ही बेकसूर लोगों को मौत के घाट उतारते रहेंगे । इस शैतानी पिशाच के खेल के चक्कर में, कहीं मैं किसी दिन गाड़ी के नीचे आ जाऊंगी । दामिनी का इतना बात सुनने के बाद रमेश कहता है, तुम बेकार में ही डरते हो ‌। लोगों सफेद साड़ी और तुम्हारे खुले बाल देखकर ही, इतना डर जाते हैं कि, वे लोग खुद अपने गाड़ी को पेर और पहाड़ों में टक्कर मारकर, अपनी जान ले लेते हैं ।‌ रमेश और दामिनी का यह बात सुनने के बाद यह तो पूरी तरह स्पष्ट हो गया था कि, वे लोग शैतानी पिशाच का खेल खेलकर, लोगों को लूटा करते थे ।‌

रामेश और दामिनी का क़त्ल करने और चोरी करने का यह सिलसिला काफी दिनों तक जारी रहता है । परंतु एक दिन यह सब कुछ बदल जाता है क्योंकि आज उन लोगों का मौत, उस हाईवे पर इंतजार कर रहा होता है । हर दिन की तरह ही, वे लोग एक बार फिर से उस हाईवे पर शैतानी पिशाच का खेल खेलने के लिए आ जाते हैं। दामिनी हर दिन की तरह ही उस हाईवे पर अपने बालों को लहराते हुए सफेद साड़ी में खड़ी हो जाती है । एक बार फिर से हाईवे पर आ रही, गाड़ी का हेड लाइट, दामिनी के ऊपर पड़ता है ।‌ उस गाड़ी के ड्राइवर का जैसे ही ध्यान दामिनी के ऊपर जाता है, ड्राइवर काफी ज्यादा घबरा जाता है ।‌ घबराहट की वजह से, वह गाड़ी एक पेड़ से टकरा जाता है ।‌ जैसे ही उस गाड़ी का एक्सीडेंट होता है, दामिनी उस घने जंगल के झाड़ियां में चली जाती है । तभी उस गाड़ी से एक औरत निकलती है जो पूरी तरह से खून से लटपट होती है । वह औरत उस गाड़ी के पिछले वाले सीट पर बैठी थी, जिसके वजह से उसे थोड़ा कम चोट लगा होता हैं । वह औरत जैसे ही ड्राइविंग सीट पर आकर देखती है, वह अपना आपा खो देती है ‌। क्योंकि ड्राइविंग सीट पर बैठा उसका पति और उसके बगल में बैठा उसका बेटा उस एक्सीडेंट में मारा गया होता है । जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाती है और उस गाड़ी के पास ही बेहोश होकर गिर जाती है । दूसरी तरफ रमेश अपने हाथ में धारदार कुल्हाड़ी लेकर उस गाड़ी की तरफ बढ़ने लगता है । 


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रमेश जैसे ही उस गाड़ी के पास पहुंचता है उसके चेहरे पर एक शैतानी स्माइल आ जाता है । क्योंकि उस गाड़ी में काफी बेस कीमती चीजे होती है । गाड़ी के अंदर मरे लोगों के सामानों को तो, रमेश आसानी से लूट लेता है ।‌ परंतु जब रमेश उस औरत का जेवर लेने के लिए उसके पास जाता है तो वह देखता है वह औरत अभी भी अपनी आखिरी सांसें गिन रही होती है । रमेश सोचने लगता है, अगर इस औरत में पुलिस वालों को इन लोगों के, पिशाच वाले खेल के बारे में बता दिया तो, सारा खेल खत्म हो जाएगा । इतना सब सोचने के बाद, रमेश उस औरत की तरफ अपनी धारदार कुल्हाड़ी लेकर बढ़ने लगता है और बेरहमी से उस औरत के गर्दन पर अपने कुल्हाड़ी से वार करने लगता है परंतु इस दौरान वह औरत एक लगातार से रमेश की तरफ देख रही होती है ‌ । रमेश के लगातार दो-तीन वार करने कि वजह से उस औरत का सर धर से अलग हो जाता है, परंतु अभी भी वह औरत रमेश की तरफ देख रही होती है । रमेश इस बारे में ज्यादा नहीं सोचता है और उस औरत के पास जितने भी वेश कीमती जेवर होते हैं । रमेश उस जेवर को ले लेता है और दामिनी की ओर जाने लगता है । रमेश दामिनी को कहता है, इस बार काफी बड़ा हाथ मारे हैं । चार-पांच दिन तो इससे कट ही जाएंगे । इतना कहने‌ के बाद, वे लोग उस हाइवे से आगे की तरफ जाने लगते हैं । अचानक उन लोगों को ऐसा एहसास होता है मानो, कोई उनके पीछे-पीछे आ रहा हो । रमेश और दामिनी के शरीर में भय का एक लहर दोर जाता है ।‌ इससे पहले दामिनी और रमेश के साथ ऐसा कभी भी नहीं हुआ था । रमेश को भी बार-बार उस औरत का, खून से लटपट चेहरा दिखाई दे रहा होता है । रमेश बार-बार उस पल को भूलने की कोशिश कर रहा होता है परंतु, वह चाह कर भी ऐसा नहीं कर पाता है । तभी एक बार फिर से, उन लोगों को ऐसा एहसास होता है मानो, उन लोगों के पीछे कोई साया आ रहा हो । वे लोग जैसे ही पीछे की तरफ पलटते हैं अचानक, कोई चीज बिजली की रफ्तार से उन लोगों के सामने से गुजरती है । वे लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही दामिनी दर्द के कारण कराहने लगती है । रमेश जब दामिनी की तरफ देखता है तो, वह पूरी तरह से शोक रह जाता है ।‌ क्योकी दामिनी के पेट पर किसी ने अपने धारदार नाखून से हमला किया होता है जिसके वजह से उसके शरीर के जितने भी ऑर्गन्स होते हैं वह बाहर आ गए होते हैं ।‌ रमेश कुछ कर पाता, इससे पहले ही दामिनी उस हाईवे पर दम तोड़ देती है । दामिनी के मौत के पश्चात, रमेश को उस घने जंगल के चारों ओर से किस की रोने की आवाज आने लगती है । रमेश को जीते जी, मौत का एहसास होने लगता है । तभी रमेश चिखाते हुए कहता है, कौन हो सामने आओ । रमेश जैसे ही इतना कहता है, एक औरत उसके सामने आ जाता है, जिसके बाल पूरी तरह से बिखरे होते हैं, वह पूरी तरह से सफेद कपड़े में होती है ठीक उसी प्रकार से जैसे दामिनी रहा करती थी । तभी रमेश को ऐसा एहसास होता है यह औरत और कोई नहीं, कार वाली औरत है, जिसे कुछ देर पहले उसने बेरहमी से उसकी हत्या कर दिया था ।‌ रमेश कुछ कर पाता इससे पहले ही बिजली की रफ्तार से वह औरत अपने हाथ को, रमेश की तरफ बढ़ाती है और एक झटके से ही रमेश के शरीर को चीरते हुए, उसका हाथ बाहर निकल जाता है । जिसके वजह से रमेश का भी उस हाईवे पर मौत हो जाता है ।


लोग ठीक ही कहते हैं, जैसा आपका कर्म होगा, वैसा ही आपको फल मिलेगा । अच्छे के साथ हमेशा अच्छा होता है परंतु बुरे के साथ हमेशा बुरे ही होता है यह प्रकृति का नियम है । जिसे आज तक किसी ने बदल नहीं पाया है । देर से ही सही हमें अपने किए गए बुरे कर्म का फल जरु
र मिलता है ।

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