काली सिद्धि: एक daravani horror story, Horror story in Hindi
रुह को कपा देने वाली, यह daravani horror story, प्रतापगढ़ की है । उस गांव के पीपल के पेड़ के पास, कोई आदमी काली सिद्धि दो दिन से कर रहा होता है।
काली सिद्धि: एक daravani horror story, Horror story in Hindi
काली सिद्धि: एक daravani horror story : रात के सन्नाटे में, प्रतापगढ़ में दो-तीन दिन से, कुछ अजीबोगरीब घटना घट रही होती है । प्रतापगढ़ के लोग नोटिस करते हैं कि, उनके गांव से थोड़ी दूर पर जो पीपल का पेड़ है उसके नीचे, रात के सन्नाटे में कोई आदमी वहां पर काली सिद्धि करता है । जब गांव पूरी तरह से, सन्नाटे के आगोश में डूब जाता था । तो वह आदमी अपने काली सिद्धि को, उस पेड़ के पास करता था । गांव के सभी लोग, उस चीज को देखकर इग्नोर कर रहे होते हैं परंतु उसी गांव के दो नवयुवक लड़के को वह बात अधिक खटक रही होती है । मोहन और रवि के मन में यह बार-बार खटक रहा होता है आखिर रात के सन्नाटे में वह आदमी, पीपल के पेड़ के नीचे क्या करता है । इस घटना के सातवें दिन मोहन और रवि को अपने आप को रोक नहीं पाते हैं,और वे लोग उस पीपल के पेड़ के पास, रात के सन्नाटे में जाने का फैसला करते हैं ।
प्रतापगढ़ के लोग, जब सो जाते हैं और जब उस गांव में पूरी तरह से सन्नाटा पसर जाता है । तभी मोहन और रवि अपने-अपने घर से निकल कर, एक दूसरे के तरफ आने लगते हैं । रवि और मोहन को, अपने गांव में एक भी इंसान, अपने घर के बाहर नहीं दिखाई दे रहा होता है । क्योंकि गांव के लोग, पीपल के पेड़ के पास हो रहे घटना के बाद और ज्यादा डर चुके थे जिसके वजह से वे लोग रात के सन्नाटे में, अपने घरों से बहुत कम ही निकला करते थे । मोहन और रवि, थोड़ी देर में ही एक दूसरे से मिल जाते हैं । रवि जैसे ही मोहन के पास जाता है मोहन कहता है, कहां रह गए थे तुम, कितने देर से मैं तुम्हारा अकेले इंतजार कर रहा था । जिस पर रवी, मोहन से कहता है, मेरे घर के लोग मुझे नहीं आने दे रहे थे । जब वे लोग सोए गए तो, मैं किसी प्रकार से चुपके चोरी तुम्हारे पास आया हूं । थोड़ी देर के बात विचार के बाद, वे लोग उस पीपल के पेड़ की तरफ, बढ़ने लगते हैं । रात के सन्नाटे में, वे लोग उस पीपल की पेड़ की तरफ बढ़ तो रहे होते हैं परंतु, कुत्तों की भौंकने की आवाज बार-बार उन लोगों का ध्यान दूसरी तरफ खींच रही होती है । रात के अंधेरे में वह आवाज और भी डरावना लग रहा होता है । क्योंकि रवि और मोहन अपने गांव वालों से सुने होते है, कुत्ते और जानवरों को सभी चीज दिखाई देते हैं चाहे वह भूत हो या प्रेत । इस बात को सोचते हुए रवि और मोहन के मन में, लाखों डरावने विचार चल रहे होते हैं । वे लोग अपनी नजरों से चारों तरफ देख रहे होते हैं । वे लोग उस पीपल के पेड़ के पास पहुंचने से पहले ही, काफी भयभीत हो गए होते हैं । जिसके वजह से, अंधेरे में एक छोटे से आहट से भी, उन लोगों को काफी भय लगने लगा था । परंतु किसी प्रकार से वे लोग डरते डरते, उस पीपल के पेड़ के पास पहुंच जाते हैं । काफी देर तक उस पीपल के पेड़ के पास, इंतजार करने के बावजूद भी उस पीपल के पेड़ के पास कोई नहीं आता है । जिस पर रवी मोहन से कहता है, चलो घर चलो, लगता है आज वह आदमी काला सिद्धि करने के लिए, नहीं आने वाला है । परंतु मोहन उसके बातों को काटते हुए कहता है चुप रहो तुम । आज मैं पूरी तरह से, यह बात साफ करके जाऊंगा, आखिर इस पीपल के पेड़ के पास होता क्या है और अभी टाइम हुआ है ,कहा है उस आदमी के आने की । वह आदमी हर रोज मध्य रात्रि में आता है । मोहन का इतना बात सुनने के बाद, रवि पूरी तरह से चुपचाप हो जाता है । रवि पूरी तरह से चुपचाप तो हो गया था परंतु उसके चेहरे के एक्सप्रेशन को देखने के बाद, यह तो पूरी तरह से क्लियर था कि उसे उस जगह पर काफी भय लग रहा होता है । परंतु किसी प्रकार से वह अपने भय पर काबू कर रहा होता है । काफी देर के इंतजार के बाद , जैसे ही मध्य रात्रि होती है । एक आदमी झोला में कुछ सामान लिए, उस पीपल के पेड़ के पास आता है । वह आदमी धीरे-धीरे अपने वस्त्र को निकालने लगता है । वह आदमी पूरी तरह से अर्धनग्न हो गया था । इसके बाद वह आदमी धीरे-धीरे अपने झोले मे रखे सामानों को, बाहर निकालकर रखना शुरू कर देता है । वह आदमी अपने साथ झोले में कुछ काले रंग को पाउडर लाया होता है, साथ ही काला कपड़ा, एक काला मुर्गा, एक धारदार चाकू और एक दीप लाया होता है ।
उस दिन के बाद से, गांव के सभी लोगों की तरह ही, मोहन और रवि रात के सन्नाटे में अपने घर से नहीं निकला करता है । गांव के सभी लोगों की तरह ही, उन लोगों को भी अपना जीवन भय और सन्नाटे में गुजरना पड़ता है ।
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Note : यह डरावनी हॉरर स्टोरी, पूरी तरह से काल्पनिक है, इस डरावनी हॉरर स्टोरी का, वास्तविक जीवन से कोई भी लेना देना नहीं है कृपया कर इस डरावनी हॉरर स्टोरी को मनोरंजन के दृष्टि कोण से ही पढे।
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