Daravani horror story 2024: संदूक का शैतान - horror story in hindi
अक्सर लोगों को विरासत में धन, दौलत मिलती है परंतु, हमारे इस कहानी के नायक को विरासत में एक संदूक का शैतान मिलता है, जो किसी daravani horror story से कम नहीं होती है ।
करण के दादा का मृत्यु हाल फिलहाल में ही हुआ होता है । करण जब अपने दादाजी के रूम के अंदर जाता है तो, वहां पर देखता है काफी सामान बिखरे पड़े होते हैं जिसके वजह से वह उसे रूम की साफ-सफाई करने लगता है । काफी देर साफ सफाई करने के बाद करण को, एक पुराना बॉक्स मिलता है । करण उस बॉक्स को देखने के बाद, काफी खुश हो जाता है उसे लगता है शायद उसके दादाजी उसके लिए विरासत के तौर पर कुछ पुराने गहने या जेवरात छोड़कर गए हैं । इस बात को सोचते हुए करण, उस बॉक्स को उठता है और अपने रूम की तरफ जाने लगता है । करण रूम में उसे बॉक्स को लेजाकर खोलना ही वाला होता है, तभी बाहर से दादी की आवाज आती है, ‘कारण बेटा तुम कहां हो’ । दादी की आवाज सुनने के बाद करण उस बॉक्स को छोड़कर बाहर आ जाता है और कुछ काम के सिलसिले में, दो-तीन घंटे के लिए करण घर से बाहर चला जाता है । करण जब घर पर वापस आता है तब तक अंधेरा होने लगता है, अंधेरे में करण को अब भ्रम होना शुरू हो जाता है । उसे ऐसा लगने लगता है मानो उसके दादाजी के आत्मा उसे कुछ बताने के लिए उसके पीछे-पीछे आ रहा हो परंतु वह सोचता है हो सकता है दादाजी के मृत्यु के दुख के वजह से, उसे ऐसा एहसास हो रहा हो । जिससे करण उस बात को इग्नोर करते हुए घर पर वापस आ जाता है । जब घर के सभी लोग सो जाते हैं तो करण, एक बार फिर से अपने बेड पर उस पुराने बक्सा को रखता है और उसे खोलना शुरू कर देता है । उस बक्से को खोलने के लिए, करण इतना ज्यादा उत्सुक होता है कि वह अपने आंख को पहले बंद कर लेता है और फिर उस बक्से को खोलता है । और जैसे ही आंखें खोलता है उसके चेहरे की चमक पूरी गायब हो जाता है उसके चेहरे पर एक मायूसी छा जाता है क्योंकि उस बक्से के अंदर कुछ काले कपड़े रखे होते हैं और उस कमरे के अंदर राख होता हैं । उन सारी चीजों को देखने के बाद, करण काफी मायूस हो जाता है । वह सोच रहा था उसके दादाजी विरासत में, कुछ बहुमूल्य चीज छोड़कर गए होंगे ।
Daravani horror story 2024: संदूक का शैतान - horror story in hindi
Daravani horror story 2024: संदूक का शैतान : यह डरावनी हॉरर स्टोरी करण की है, सभी लोगों की तरह ही उसे भी अपने पूर्वजों से कुछ विरासत में मिलता है वह चिज़ ओर कुछ नही एक पुराना बक्सा होता है । उस बक्से के अंदर कुछ ऐसा होता है, जिसे खोलने के बाद करण को भूत प्रेत दिखाई देने लगते । और वह भूत प्रेत धीरे-धीरे करण के शरीर पर कब्जा करने लगता है इसके बाद करण के साथ कुछ ऐसा होता है जिससे लोगों कि रूप कांप जाती है।
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Daravani horror story 2024: संदूक का शैतान |
जिसके वजह से करण काफी गुस्सा हो जाता है, करण उस बक्से में रखें कपड़े को निकालने लगता हैं और उस राख को वह वहीं पर फेंकने लगता है तभी उसके आंखों के सामने, उस राख से हवा में कुछ आकृतियां बनने लगती है जो की देखने में काफी डरावने लग रही होती हैं । करण कुछ समझ पाता इससे पहले ही वह आकृति एक बार फिर से राख में बदलकर कहीं गायब हो जाता है । करण को अपने आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था । आखिर हवा में आकृति कैसे बनी और उसे आकृति में था कौन । करण उस आकृति को भूल नहीं पा रहा होता है, बार-बार वह आकृति उसके नजरों के सामने आ जा रहा होता है, जिससे उसे रात भर नींद नहीं आती है । परंतु जैसे ही सुबह होती हैं, फिर से सब कुछ नॉर्मल हो जाता है और करण अपना निजी जीवन जीने लगता है । परंतु जैसे ही रात का अंधेरा होना शुरू होता करण को अंधेरे में एहसास होता था मानो कोई उसके आसपास से गुजर रही हो । जिसकी पायल की छानकाहट उसे साफ-साफ सुनाई देती है, उसे हर बार अंधेरे से अलग-अलग आवाज़ आने लगती है, कभी रोने की तो, कभी पायल की झंकार, तो कभी हंसने की । करण उन सारी आवाजों से इतना ज्यादा भयभीत हो गया था कि वह अंधेरे में अकेले जा भी नहीं रहा होता है । दो दिनों तक तो करण किसी प्रकार से उन आवाजों को बर्दाश्त करता है परंतु तीसरे दिन से उसका मानसिक स्थिति खराब होने लगता है । उसे हर जगह वह आकृति दिखाई देने लगता है, और कभी-कभी तो अपने घर के लोगों में भी उसे वह आकृति दिखाई देने लगता है जिसके वजह से वह अपने घर के लोगों से भी काफी डरने लगता है । करण का वह स्थित देखने के बाद, परिवार के सभी लोग काफी चिंतित हो जाते हैं उन लोगों को यह समझ नहीं आ रहा था, आखिर करण के साथ अचानक क्या हुआ । करण के दादाजी के जो शैतानी शक्तियों थी, वह धीरे-धीरे करण के ऊपर अपना कब्जा करने लगती है । और एक रात जब करण के घर के सभी लोग सो जाते हैं ।
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तभी अचानक करण अपना आंख खोलता है और अपने बिस्तर से उठकर धीरे-धीरे घर से बाहर जाने लगता है । परंतु जैसे ही करण अपने घर से बाहर निकलने वाला होता है, उसकी दादी का नजर उसके ऊपर पड़ जाता है । दादी करण को तो उस घर से निकलने से नहीं रोक पाती हैं परंतु दादी भी उसके पीछे-पीछे आने लगती हैं और जब दादी घर के दरवाजे पर आती हैं, तो देखती हैं करण किसी से हवा में बात कर रहा होता है । और बार-बार एक ही शब्द बोल रहा होता है । तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते, तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते । इस बात को करण कई बार दोहराता है । परंतु इसी बीच दादी करण को कहती है क्या हुआ । इस वक्त तुम यहां पर क्या कर रहे हो, करण के कानों में जैसे ही दादी की आवाज जाती है वह पूरी तरह से अपना आपा खो देता है और दादी की तरफ गुस्से से घूमता है दादी करण के भयावह चेहरा को देखने के बाद काफी डर जाती है । दादी कुछ कर पाती इससे पहले ही, करण एक झटके से दादी को दूर फेंक देता है । जिससे दादी काफी जोर से कराहने लगती है । जिसे सुनने के बाद परिवार के सभी लोग दादी की ओर आने लगते हैं और जैसे ही अपने घर के गेट पर आते हैं, वे लोग भी करण का भयावह रूप देखने के बाद डर जाते हैं, ऐसा लग रहा था मानो उसके ऊपर मौत का खून सवार हो । परिवार के जो भी लोग करण को समझने के लिए आगे जाते थे कारण एक झटके से ही उन लोगों को दूर फेंक देता है । वहां पर पूरी तरह से चिख, पुकार मचने लगता है । इसी बीच दादी को वह बक्सा दिखाई देता है जो दादाजी का होता है । दादी उस वक्से तक पहुंच पाती, इससे पहले ही करण अपने पिताजी का गर्दन बुरी तरह से जकर लेता है, परिवार के लोग चाह कर भी करण के पिताजी का मदद नहीं कर पा रहे थे, ऐसा लग रहा था मानो करण आज अपने पिता जी का जान लेकर ही मानेगा । करण का पिता अब बुरी तरह से छटपटा रहा होता है परंतु कुछ अनहोनी हो पाती इससे पहले ही दादी उस बक्से को बंद कर देती है उस बक्से के बंद होते ही ऐसा लगता है मानो वहां पर सब कुछ नॉर्मल हो गया हो, करण भी अब अपने आपे में आ गया होता है । जिससे परिवार के सभी लोगों को लगता है, अब सब कुछ ठीक हो गया । और जैसे ही परिवार के लोगों का ध्यान करण से हटता है हम देखते हैं करण के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान होती है जो बेहद ही डरावनी होती है । परंतु परिवार के लोग करण के चेहरे पर वह शैतानी मुस्कान नहीं देख पाते हैं । जिससे परिवार के सभी लोग पूरी तरह से बेफिक्र होकर सोने चले जाते हैं ।
आप लोगों को क्या लगता है दोस्तों करण के चेहरे के ऊपर, वह शैतानी मुस्कान करण की खुद की थी या किसी काली शक्ति ने अभी भी उसके शरीर पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं ।
नोट : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना-देना नहीं है इस डरावनी हॉरर स्टोरी को केवल और केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से बनाया गया है ।
आप लोगों को क्या लगता है दोस्तों करण के चेहरे के ऊपर, वह शैतानी मुस्कान करण की खुद की थी या किसी काली शक्ति ने अभी भी उसके शरीर पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं ।
नोट : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना-देना नहीं है इस डरावनी हॉरर स्टोरी को केवल और केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से बनाया गया है ।
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