Daravani Horror story : नाइट शिफ्ट - Horror story in Hindi
दिल में दहशत पैदा कर देगी यह, Darawani hort story , अगर आप बेहतरीन हॉरर स्टोरी के तलाश में है तो, सन्नाटे से भरपूर, इस डरावनी हॉरर स्टोरी को मिस ना करें।
Daravani Horror story : नाइट शिफ्ट - Horror story in Hindi
Daravani Horror story : नाइट शिफ्ट ; साध्वी की जीवन काफी, अच्छे से चल रही होती है , परंतु एक दिन साध्वी को अचानक अपने खराब परफॉर्मेंस के वजह से, नौकरी से निकाल दिया जाता है, जिसकी वजह से साध्वी काफी परेशान हो जाती है । साध्वी के ऊपर हि, घर की पूरी जिम्मेदारी होती है । जिसके वजह से वह काफी परेशान रहने लगती है । इसके बाद वह काफी दिनों तक नौकरी खोजने की कोशिश करती है परंतु, उसे कहीं भी कोई काम नहीं मिलती हैं ।
साध्वी इतना अधिक परेशान हो गई थी कि, वह कहीं भी और कोई भी काम करने के लिए तैयार होती है । काफी दिनों तक जोब खोजने के बाद साध्वी को एक जॉब मिलती है, जो नाइट शिफ्ट में होती है वैसे तो इससे पहले साध्वी ने कभी भी नाइट शिफ्ट में ड्यूटी नहीं की थी परंतु, काम नहीं होने के कारण उसे नाइट शिफ्ट के लिए हामी भरनी पड़ती है । अगले दिन से ही साध्वी नाइट शिफ्ट करने के लिए रात के अंधेरे में घर से निकल जाती है । थोड़ी देर में ही वह वाइन शॉप पर पहुंच जाती है । दो-तीन घटे तो ठीक से कट जाते हैं परंतु उसके बाद साध्वी को नींद आने लगती है, क्योंकि साध्वी को नाइट शिफ्ट करने की आदत नहीं थी । और साथ ही उस वाइन शॉप पर नाइट शिफ्ट में वह अकेले होती है जिसके वजह से उसे काफी डर भी लग रहा था । परंतु किसी प्रकार से साध्वी उस रात को गुजारती है । अगले दिन भी साध्वी ठीक उसी प्रकार अपने नाइट शिफ्ट के लिए घर से निकल जाती है । पहले रात की तरह ही आज भी काफी कम कस्टमर वाइन शॉप पर आता हैं । जिससे साध्वी को डर भी लगने लगता है कहीं इस बार भी उसे जोब से भी ना निकाल दिया जाए । तिन-चार दिन बीत जाने के बाद, साध्वी को नाइट शिफ्ट की आदत हो जाती है । इसके बाद वह अपने जॉब को काफी अच्छे से करने लगती है। वाइन शॉप का मैनेजर भी साध्वी के काम से काफी खुश होता है क्योंकि उसके आने से वाइन शॉप में दुगनी कस्टमर आने लगती है ।
जिसके वजह से साध्वी की सैलरी भी बढ़ा दी जाती है जिससे साध्वी काफी खुश होती है । परंतु साध्वी का यह खुशी अधिक दिन टिक नहीं पाती है् क्योंकि अगले दो दिन के बाद ही फिर से कस्टमर आने काफी कम हो जाते हैं जिसके वजह से वाइन शॉप का मैनेजर साध्वी को वाइन शॉप चलाने के साथ स्टोर रूम की सफाई करने की जिम्मेदारी भी दे देता है । वैसे तो साध्वी अभी भी उसे काम से काफी खुश होती है क्योंकि वह सोचती है जब कस्टमर नहीं रहेंगे तो वह खाली समय में कर भी क्या सकती है । वह स्टोर रूम की सफाई कर लेगी, जिससे उसका भी समय निकल जाएगा । ऐसा सोचते हुए वह उस रात को जैसे तैसे कर कर गुजारती है । साध्वी अगले दिन थोड़ा जल्दी ही वाइन शॉप पर आ जाती है । क्योंकि साध्वी को स्टोर रूम की सफाई भी करनी होती है । पहले तो साध्वी वाइन शॉप को संभालती है और जैसे ही घड़ी का कांटा 12 पड़ जाती हैं कस्टमर आना काफी कम हो जाता है, जिसके बाद साध्वी सोचती है यही सही समय है स्टोर रूम सफाई करने का, इस बात को सोचते हुए वह उस वाइन शॉप के दरवाजे को बंद कर देती है जो पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट होती है । और स्टोर रूम की तरफ जाने लगते हैं वह जैसे ही स्टोर रूम में जाती है वह देखती है वहां पर काफी कम रोशनी होती है, क्योंकि वहां पर एक मात्र बल्ब लगा होता है । जिससे काफी कम रोशनी आ रही होती है और स्टोर रूम भी काफी बड़ा होता है । जिससे उस स्टोर रूम के काफी हिस्से में अंधेरा होता है । अभी तक साध्वी उस स्टोर रूम के दरवाजे पर ही, खड़ा होती है क्योंकि अंधेरा देखने की वजह से उसे काफी डर लग रहा था । डर के साथ-साथ उसे अकेलापन भी खाए जा रहा था ।
डर के वजह से साध्वी सोचती है वह कल इस स्टोर रूम की सफाई करेगी, इस बात को सोचते हुए वह फिर से वाइन शॉप में लौट जाती है । और कस्टमर नहीं आने के कारण साध्वी को नींद आने लगती है । साध्वी काफी देर तक अपनी नींद को रोकने की कोशिश करते हैं परंतु साध्वी की आंख पूरी तरह से भारी हो जाती है और वह वहीं पर सो जाती है इसके कुछ क्षणों के बाद ही अचानक दरवाजे का बेल बजता है, जिससे साध्वी काफी घबरा कर उठ जाती है और हरवाहट में वाइन शॉप की गेट की तरफ भागने लगती हैं और जैसी ही वह गेट को खोलने वाली होती है। अचानक वह ट्रांसपेरेंट दरवाजे से बाहर देखती है तो वहां पर उसे, कोई भी दिखाई नहीं देता है । सड़कों के सन्नाटे और अंधेरा के अलावा, वहां पर कुछ भी दिखाई नहीं देता है । इसके बाद साध्वी काफी घबरा जाती है । साध्वी सोचती है उसके गेट पर लेट से पहुंचने के कारण कस्टमर लौट गया है, अगर वह कल इसकी शिकायत मैनेज से किया तो, उसकी नौकरी जानी फिक्स है । इस बात को सोचते हुए साध्वी वाइन शॉप के अंदर जा ही रही होती है, तभी अचानक फिर से एक बार वेल बजता है । इस बार बेल बजने के कुछ क्षणों के बाद ही साध्वी गेट पर पहुंच जाती है परंतु इस बार भी साध्वी को वहां पर कोई नहीं दिखाई देता है । जिससे साध्वी काफी शौक हो जातीं है । आखिर इस वक्त कौन हो सकता है जो बार-बार बेल को बजा रहा होगा और दिन भी तो नहीं है की, कोई बच्चा बेल को बजाकर भाग जा रहा होगा। इस बारे में साध्वी सोच ही रही होती है तभी, अचानक उसे स्टोर रूम से कुछ आहट आने लगती है ऐसा लग रहा था मानो स्टोर रूम के अंदर कोई हैं। जो सामानों को इधर से उधर कर रहा है । तभी साध्वी देखती हैं, स्टोर रूम के अंधेरे में दो आंखें चमक रही होती है, जो पूरी तरह से लाल होती है पहले तो साध्वी को लगता है, वहा बिल्ली या कोई और जानवर होगा, जिसकी आंखें चमक रही है, परंतु उसका यह भ्रम भी थोड़ी देर में ही टूट जाति है क्योंकि धीरे-धीरे वह लाल आंखें उसकी तरफ बढ़ने लगती है । और जैसे ही अंधेरे से वह आंख बल्ब के उजाला में आता है । अचानक साध्वी के पैरों तले जमीन खिसक जाती है । साध्वी के अपने आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि 2 दिन से जो अंधेरे में वह आहट सुन रही थी । वह इसी शैतान का है । वह शैतान पूरी तरह से निर्वस्त्र होता है उसके शरीर पर थोड़ा भी मांस नहीं होता है वह पूरी तरह से कंकाल होता है, परंतु उसकी आंखें पूरी तरह से ठीक होती है । साध्वी को उस शैतान की आंखों में, अपनी मौत की छवि साफ-साफ दिखाई दे रही थी । साध्वी उसे शैतान को देख ही रही होती है, तभी अचानक वाइन शॉप का बेल कोई बजाता है । जिससे थोड़ी देर के लिए साध्वी का ध्यान भटक जाता है और जब फिर से वह स्टोर रूम की तरफ देखती है, तो उसे पता चलता है वहां पर फिर से सब कुछ नॉर्मल हो चुका है और वहां पर कोई नहीं है । साध्वी अब समझ नहीं पा रही थी आखिर यह था क्या यह केवल उसके मन का भ्रम था या सच में वहां पर कोई शैतान था । इस बात को सोचते हुए वह वाइन शॉप के ट्रांसपेरेंट दरवाजे की तरफ जाने लगती है । और जैसे ही गेट पर पहुंचती है एक बार फिर से उसके पैरों तले से जमीन खिसक जाती है क्योंकि, वह शैतान अब वाइन शॉप के गेट पर खड़ा होता है जो पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट गेट से दिखाई दे रहा होता है । साध्वी अब समझ चुकी थी यह कोई छलावा नहीं बल्कि सच है ।
साध्वी अब उस वाइन शॉप के अंदर बुरी तरीके से फंस चुकी थी क्योंकि गेट पर वह शैतान खड़ा होता है और स्टोर रूम के अंदर काफी अंधेरा होता है । वह कुछ कर पाती इससे पहले ही वह शैतान ट्रांसपेरेंट गेट को बिना छुए वाइन शॉप के अंदर आ जाता है । साध्वी कुछ कर पाती इससे पहले ही, पीछे से कोई उसके ऊपर हमला कर देता है जिसकी वजह से साध्वी वहीं पर बेहोश हो जाती है और हम देखते हैं कि वह शैतान धीरे-धीरे साध्वी को अंधेरे की तरफ खींचते हुए ले जाता है । इसके अगले दिन से ही लोगों के नजर में साध्वी कहीं, रहस्यमई तरीके से लापता हो गई थी, क्योंकि रात में क्या हुआ किसी को भी पता नहीं होता है और साध्वी के साथ क्या-क्या हुआ यह भी एक राज बनकर रह जाती है ।
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नोट : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना-देना नहीं है इस डरावनी हॉरर स्टोरी को केवल और केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से बनाया गया है ।
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