Darawani horror story : शैतानी पिशाच


Darawani horror story : शैतानी पिशाच


यह  Darawani horror story साधना नाम की लड़की की है । वैसे तो साधना भूत प्रेत काला जादू जैसे चीज पर भरोसा नहीं करती थी परंतु, एक दिन साधना के शरीर के ऊपर शैतानी पिशाच कब्जा लेता‌ है, जिससे साधना के जीवन, नर्क बन जाता है । साधना घुट घुट कर मरने के लिए तड़पती रहती है ‌


Darawani horror story : शैतानी पिशाच
Darawani horror story : शैतानी पिशाच

साधना गांव के सभी बच्चों की तरह ही अपनी खुशहाल जीवन जी रही होती है । परंतु एक दिन उसके जीवन के खुशियों पर दुखों का बादल मंडराने लगता है । सभी दिन की तरह साधना आज भी स्कूल जा रही होती है, तभी अचानक उसकी बगल की आंटी साधना को बुलाती है और उसे चॉकलेट खाने के लिए देने लगती है, जिसे देखने के बाद साधना काफी आश्चर्यचकित हो जाती है क्योंकि उस पड़ोसी से साधना के माता-पिता का विवाद चल रहा होता है । जिसके वजह से साधना के पड़ोसी, साधना के घर वालों से बात भी नहीं करते थे परंतु अचानक वह साधना को चॉकलेट दे रही होती है । साधना काफी देर तक इस बात को सोचती है, परंतु वह सोचती है चॉकलेट खाने से हो ही क्या सकता है । इसके बाद वह उसे चॉकलेट को खा लेती है । उसे चॉकलेट को खाते ही साधना को ऐसा एहसास होता है मानो उसे चक्कर आ रही है परंतु थोड़ी देर में, वह सब कुछ नॉर्मल हो जाता है । इसके बाद सभी दिनों की तरह साधना अपने स्कूल चली जाती है परंतु सभी दिनों की तरह, वह अपने घर वापस नहीं आती है क्योंकि उसकी तबीयत पूरी तरह से बिगड़ चुकी थी, साधना कि आंख पूरी तरह से लाल हो चुकी थी। साधना जब इस हाल में अपने घर आती है तो उनके माता-पिता काफी घबरा जाते हैं परंतु बाद में वे लोग सोचते हैं हो सकता थकान की वजह से साधना की तबीयत बिगड़ गई हो । जिसके वजह से साधना को वे लोग आराम करने के लिए, एक कमरे के अंदर सुला देते हैं । जिसके थोड़ी देर में ही अचानक साधना उस रूम के अंदर चिखने चिल्लाने लगती है । साधना की चिखने की आवाज सुनकर, साधना के माता-पिता उसके रूप में जाते हैं । तो देखते हैं वह पूरी तरह से पसीने से भीगी होती है और डर के वजह से एक कोने में छिपी होती है । जब साधना कू माता-पिता, साधना से पूछते हैं क्या हुआ इतना डरी क्यु हो । तब साधना जवाब देती है कोई है इस रूम के अंदर, इस बात को सुनने के बाद साधना के माता-पिता काफी घबरा जाते हैं। साधना के माता-पिता एक और बात नोटिस करते हैं की साधना का बिहेवियर पूरी तरह से बदल चुका है इससे पहले साधना को वे लोग कभी नहीं डरते हुए देखे थे । परंतु किसी प्रकार से वे लोग साधना को शांत करते हैं । और थोड़ी देर के लिए रूम से बाहर जाते हैं । साधना के माता-पिता घर का काम कर ही रहे होते तभी, अचानक एक बार फिर से उन लोगों को साधना की चीख सुनाई देती है । जिससे एक बार फिर से साधना के माता-पिता घबरा जाते हैं और साधना के रूम की तरफ भागना शुरू कर देते हैं । साधना के माता-पिता जैसे ही रूम के अंदर जाते हैं । वे लोग देखते हैं, साधना पूरी तरह से शांत होकर वेड के ऊपर बैठी होती है और उस कमरे के अंदर भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ होता है । अब साधना के माता-पिता धीरे-धीरे साधना की तरफ बढ़ने लगते हैं और बेड के पास जाकर रुक जाते हैं और साधना से पूछने लगते ‘क्या हुआ बेटा’ इस बात को साधना के माता-पिता कई बार दोहराते हैं परंतु साधना कोई भी जवाब नहीं देती है जिसके वजह से साधना के पिता धीरे से आगे बढ़ते हैं और साधना के कंधे पर हाथ रखते हैं तभी अचानक साधना एक झटके से उन्हें दूर फेंक देती हैं । उनके माता-पिता काफी हैरान हो जाते हैं क्योंकि साधना के शरीर में थोड़ी भी मांस नहीं थी ।


। ऐसा लग रहा था मानो एक हवा झोंका भी उसे उड़ा देगी । आखिर कैसे एक झटके से वह अपने पिता को दूर उठा फेंक देती है । साधना के माता-पिता यह सोच ही रहे होते हैं तभी साधना जोर-जोर से चिल्लाने लगती है । मरोगे, सभी मारोगे, मेरे हाथ ही मरोगे । इस बात को सुनने के बाद साधना के माता-पिता समझ जाते हैं की साधना के ऊपर किसी शैतानी पिशाच ने अपना कब्जा कर लिया है । यह सब बात साधना के माता-पिता सोच ही रहे होते हैं तभी अचानक साधना वेड पर बेहोश हो जाती है । साधना की माता-पिता काफी घबरा जाते हैं आखिर साधना के साथ यह क्या हो गया । वे लोग किसी प्रकार से साधना को शांत करके उसके साथ ही सो जाते हैं। परंतु जैसे ही घड़ी का सुई 12 पर पहुंचती है अचानक घर के बाहर से कुछ आहट आने लगती है । साधना के माता-पिता उस आहट को नहीं सुन पाते हैं क्योंकि वे लोग काफी गहरे नींद में होते हैं परंतु तभी अचानक साधना अपनी आंखें खोलता है । जो पूरी तरह से लाल चमक रही होती है । एक जिंदा लाश की तरह धीरे-धीरे बिना किसी प्रकार का कोई रिएक्शन किये साधना घर से के निकलने लगती है । साधना जैसे ही गेट के पास पहुंचती है अपने आप ही गेट खुल जाती है और जैसे ही साधना आगे जाती वह गेट एक जोरदार आवाज के साथ अपने आप बंद हो जाती । परंतु जैसे ही वह आखरी गेट से गुजरती है दरवाजे की आवाज की वजह से उनके माता-पिता की निंद खुल जाती है । दूसरी तरफ साधना अंधेरे के सन्नाटे से होते हुए, सुनसान जंगल की तरफ जाने लगती है । ऐसा लग रहा था मानो जंगल से उसे कोई पुकार रहा हो या कोई शैतानी शक्ति साधना को जंगल में लेकर जा रही हो । साधना के पीछे पीछे उसके माता-पिता भी आ रहे होते हैं, जो साधना से छुपते छुपाते उसके पीछे-पीछे आ रहे थे क्योंकि वे लोग जानना चाहते थे की साधना आखिर इतनी रात में कहां जा रही है । साधना जंगल के अंदर थोड़ी दूर पर जाकर रुक जाती है । और इधर-उधर देखने लगती है । अचानक एक झटके से साधना टूटे हुए झोपड़ी के अंदर चली जाती है । जिसे देखने के बाद साधना के माता-पिता पूरी तरह से आश्चर्यचकित रह जाते हैं आखिरी इस वक्त साधना उसे टूटी हुए झोपड़ी के अंदर क्यों गई होगी। इस बात को सोचते हुए साधना के माता-पिता धीरे-धीरे उसे झोपड़ी के पास आ जाते हैं झोपड़ी के पास आने के बाद उन्हें कुछ गुनगुनाने की आवाज सुनाई देती है । गौर से वे लोग जब सुनते हैं तो, पता चलता है उस झोपड़ी के अंदर कोई है, जो मंत्रों का उच्चारण कर रही होती है ।‌ मंत्र को सुनने के बाद वे लोग उस झोपड़ी के अंदर झांकने की कोशिश करते हैं । तभी वे लोग देखते हैं कि वहां पर काला जादू के ढेर सारे सामान रखे होते हैं । जैसे सिंदूर, काला कपड़ा, इंसानी खोपड़ी, एक पुराना खंजर और साथ ही वहा पर एक औरत बैठी होती है जो पूरे तरीके से अपने चेहरे को अपने साड़ी से ढकी होती है । साधना के माता-पिता घुंघट के पीछे के चेहरों को काफी देखने की कोशिश करते हैं परंतु फिर भी उन लोगों को वह नहीं दिख पाती है । अब साधना भी वहां पर आ जाती है और उस औरत के सामने बैठ जाती है । वह औरत कुछ मंत्रों का उच्चारण करती है । जिसके बाद साधना अपने आप ही अपने चेहरे पर वहां पर रखी, सिंदूर लगाने लगती है । थोड़ी देर के बाद ही साधना धीरे-धीरे उस पुराने खंजर को उठाने लगती है । ऐसा करते हुए साधना की हाथ काप रही होती है । और जैसे ही साधना उस खंजर को अपने गर्दन के पास लेकर आती है अचानक साधना के माता-पिता की चिखे निकल जाती है । उस चीज को सुनने के बाद वहां पर बैठी औरत भागना शुरू कर देती है और अंधेरे में कहीं गायब हो जाती है । साधना के माता-पिता जब उस झोपड़ी के अंदर जाते हैं तो देखते हैं साधना वहां पर बेहोश हो गई होती हैं । जिसके बाद साधना के माता-पिता किसी प्रकार से साधना को घर लेकर आते हैं । और जैसे ही अगले दिन साधना के माता-पिता उठते हैं, तो देखते है उनके पड़ोस के घर में चीख पुकार मच रही होती है । क्योंकि साधना के उस पड़ोसी की मौत हो गई थी जंगल में उसकी लाश मिली थी । उन शैतानी पिशाचों ने उस पड़ोसी की जान ले ली होती है क्योंकि पिशाचों को वह बली नहीं दे पाती है । वैसे तो जो बुरा कर रही थी उसे बुरा फल मिल गया । परंतु इस घटना के बाद से साधना को अपना जीवन डर के अंधेरे में जीनी पड़ती है । इसके काफी दिनों के बाद साधना उस काला जादू के जाल से निकल पाती है ।


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श्रापित गांव 


Note : यह darawani horror story पूरी तरह से काल्पनिक है । इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना देना नहीं है । और ना ही इस पोस्ट के माध्यम से किसी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है, यह horror story केवल मनोरंजन के लिए बनाई जाती है ।


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