Bhutiya gaon ki Kahani : श्रापित गांव - new horror story 2024

Bhootiya gao ki Kahani : श्रापित गांव



Bhootiya gao ki Kahani : श्रापित गांव : यह डरावनी हॉरर स्टोरी श्रापित नगर की है । वैसे तो श्रापित नगर में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा होता है ।‌ परंतु जैसे ही अभिनव अपने गांव में अपना कदम रखता है वैसे ही श्रापित नगर में, पिशाचों का कहर लोगों पर बरसने लगाता है



Bhootiya gao ki Kahani : श्रापित गांव
Bhootiya gao ki Kahani : श्रापित गांव

अभिनव शहर में अपना जीवन, पूरी खुशहाली के साथ जी रहा होता है । परंतु अचानक एक दिन उसे अपने पुराने बेग से एक फोटो मिलती है और साथ ही एक डायरी मिलती है । वह फोटो और डायरी अभिनव के माता-पिता का होता हैं, वैसे तो अभिनव के माता-पिता बचपन में ही गुजर गए होते हैं, अभि शहर में अपने मौसा के पास रहता है । अभिनव धीरे-धीरे उस डायरी को पढ़ना शुरू करता है, उस डायरी में अभिनव श के माता पिता ने, अपनी पूरी जीवनी लिखी होती है जिसमें उनके साथ क्या-क्या हुआ उस गांव में । अभिनव जैसे ही उस डायरी का दूसरा पेज पढता है, तो उसे पता चलता है कि उसके गांव का नाम श्रापित नगर होता है, जिसे पढ़ने के बाद अभिनव को थोड़ी हंसी भी आती है, आखिर यह कैसा नाम है । इस बात को सोचते हुए अभिनव उस डायरी के कुछ पन्ने और पढ़ रहा होता है, तभी अचानक अभिनव के चेहरे से हंसी गायब हो जाती है ।‌ और वह पूरी तरह से खामोश हो जाता है, क्योंकि डायरी के बीच वाला पन्ना गायब होता है डायरी में इससे पहले श्राप के बारे में जिक्र होता है परंतु जैसे ही अभिनव डायरी का अगला पन्ना उल्टता है, वह देखता है डायरी के कुछ पने गायब होते हैं । अभिनव काफी देर तक डायरी के पने को पलट पलट कर, उसके आगे की स्टोरी के बारे में जाने की कोशिश करता है परंतु उसे आगे की स्टोरी के बारे में, कुछ नहीं पता चल पाता है । जिसके वजह से वह काफी परेशान हो जाता है ।‌ अभिनव अब उस श्रापित नगर के बारे में, अपने मौसा से पूछने लगता है और जैसे ही अभिनव के मौसा जी श्रापित नगर का नाम सुनते हैं, अचानक उनके चेहरे का भी मुस्कान गायब हो जाता है । पहले तो अभिनव को वह बार-बार समझाने की कोशिश करते हैं कि, श्रापित नगर जैसा कोई गांव है ही नहीं और ना ही उस गांव से तुम्हारा कोई संबंध है ।


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परंतु अभिनव उनके चेहरे का रिएक्शन देखकर समझ चुका था कि उनके मौसा जी कुछ ना कुछ राज छुपा रहे हैं । जिसके बाद अभिनव अपने आप को एक कमरे में बंद कर लेता है और खाना पीना छोड़ देता है । जिसकी वजह से ना चाहते हुए भी उन्हें श्रापित नगर के बारे में बताना पड़ता है । इसके अगले दिन ही अभिनव अपने मौसा जी को बिना बताए श्रापित नगर अपने पुश्तैनी गांव की तरफ जाना शुरू कर देता है । काफी लंबे सफर के बाद अभिनव अपने पुश्तैनी गांव श्रापित नगर पहुंचता है । अभिनव जैसे ही अपने गांव के सीमान पर अपना पहला कदम रखता है अचानक एक काफी तेज आंधी उठता है और साथ ही बिजली चमकना शुरू हो जाता है । ऐसा लग रहा था, मानो अभिनव उसे गांव के लिए एक श्राप है, जिसके आते ही वह गांव के लोग फिर से मुसीबत में पड़ गए हो 

। रात के सन्नाटे में अभिनव अपने पुश्तैनी गांव में काफी लोगों का दरवाजा खटखटा है, क्योंकि वहां पर रहने के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं थी । साथ ही अभिनव को यह भी नहीं पता होता है, गांव में किस तरफ उसका पुश्तैनी हवेली है । थक हारकर वह एक घर के बाहर है सो जाता है और जैसे ही सुबह होती है, अभिनव देखता है गांव के सभी लोग उसके चारों ओर से खड़े होते हैं और वे लोग उसे ही देख रहे थे ।‌ अभिनव काफी देर तक पूरी तरह से मौन रहता है परंतु, उसी भीड़ में से एक वृद्ध आदमी आता है और अभिनव से पूछता है ‘कौन हो बेटा तुम, और यहां पर क्या करने आए हो’ । जिसके बाद अभिनव अपने पिताजी का नाम उन लोगों को बताता है । इसके बाद गांव के सभी लोग गुस्से से अभिनव की तरफ, देखने लगते हैं अभिनव कुछ समझ नहीं पता है, आखिर क्यों वे लोग उसके तरफ गुस्से से देख रहे हैं । गांव के लोग आपस में ही बात कर रहे होते हैं । इसके बाप के वजह से ही, हमारे गांव के कई लोग, नरभक्षी पिशाच का शिकार हो गए । इसे गांव में मत रहने दीजिए । यह सारी बातें चल ही रही होती है, तभी उसी भीड़ से वही वृद्ध आदमी निकलकर आता है और गांव के लोगों को कहता है, जो भी कुछ हुआ उसमें अभिनव की, कोई भी गलती नहीं है इसके पिता की वजह से हम लोगों का जीवन नर्क बना था । परंतु अभिनव की इसमें कोई भी गलती नहीं है । इतना सब सुनने के बाद भी, गांव के लोग अभिनव पर अभी तक भी काफी गुस्सा होते हैं । परंतु उस वृद्ध आदमी के समझाने के बाद, गांव के लोग यह फैसला करते हैं कि 2 दिन से ज्यादा अभिनव को गांव में नहीं रहने दिया जाएगा। इसके बाद सभी लोग धीरे-धीरे अपने काम पर जाने लगते हैं । परंतु संजय नाम का एक लड़का, अभिनव के पास रुक जाता है और अभिनव को उसके पुश्तैनी हवेली पर ले जाने लगता है । अभिनव अपने पुश्तैनी हवेली को देखकर पूरी तरह से शोक रह जाता है, क्योंकि वह महल पूरी तरह से जला हुआ था । ऐसा लग रहा था मानो, सालों पहले किसी ने उस घर में आग लगा दिया हो । अभिनव जब इस बारे में, संजय से पूछता है तो वह अभिनव को कहता है, गांव के लोगों ने ही, इस घर में आग लगाया था । क्योंकि तुम्हारे पापा पिशाचों को, गांव के लोगों की बलि देते थे । परंतु जैसे ही गांव के लोगों को इस बारे में पता चला , तो वे लोग काफी गुस्सा हो गए और रात के सन्नाटे में घर के चारों ओर से आग लगा दिए । जिसमें घर के अंदर के सभी लोग मारे गए, परंतु तुम शहर गए थे जिसके वजह से ही तुम बच गए। इस कहानी को सुनने के बाद, अभिनव को विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके पिता ऐसे इंसान थे, जो पिशाचों के लिए, अपने गांव के लोगों की बलि देते थे । काफी देर घूमने के बाद, वे लोग वहां से वापस लौटने लगते हैं क्योंकि अब सूरज ढलने वाला होता है । थोड़ी देर में वे लोग गांव में पहुंच जाते हैं और जैसे ही अंधेरा होता है उस गांव में फिर से, एक बार दिल को दहला देने वाली घटना होती है क्योंकि उस शैतानी पिशाच ने कई सालों के बाद, फिर से गांव के दो लोगों का मौत के घाट उतार दिया होता है । जब यह बात लोगों में पता चलती है, तो वे लोग काफी गुस्सा हो जाते हैं और अभिनव को मारने के लिए, उसके तरफ जाना शुरू कर देते हैं । उन लोगों को लगता है अभिनव ने ही उन पिशाचों को बलि दी है, परंतु जैसे ही वे लोग, अभिनव के पास पहुंचते हैं । वे लोग देखते हैं अभिनव अभी सो ही रहा होता है । शोर-शराबे के हलचल की वजह से, जैसे ही अभिनव की आंख खुलती है वह देखता है गांव के सभी लोग अपने हाथों में डंडे भाले लेकर उसके चारों तरफ से खड़े होते हैं । जिसे देखने के बाद वह काफी डर जाता है । परंतु गांव वाले अभिनव की मासूमियत देखकर उसे छोड़ देते हैं । इस घटना के बाद, अभिनव को समझ में आ जाता है कि वह, गांव के लोगों के लिए एक श्राप से कम नहीं है । क्योंकि उसके आते ही गांव के दो लोगों की जान वह पिशाच ले लेता है । अभिनव अपने मन में कहता है, अगर यह श्राप मेरे घर के लोगों की वजह से लगी है तो मैं ही इसे खत्म करूंगा । इसके लिए मुझे जान क्यों ना देनी पड़े । अभिनव अब रात के अंधेरे का इंतजार करने लगता है ।‌ और जैसे ही रात होती है वह अकेले ही सुनसान जंगलों से होते हुए अपने पुश्तैनी हवेली के पास पहुंच जाता है, रात के समय वह पुश्तैनी हवेली देखने में और ज्यादा भयावह लग रहा होता है ।‌ अभिनव हवेली के पास ही एक झाड़ी में छुपकर बैठ जाता है । और जैसे ही घड़ी का कांटा 12 पर जाता है ।‌ अभिनव को घर के अंदर से कुछ आहट आने लगता है । ऐसा लग रहा था मानो घर के अंदर कोई सिसकियां लेकर रो रहा हो । अभिनव धीरे-धीरे उस झाड़ी से निकलकर घर के अंदर जाने लगता है । घर के अंदर घना अंधेरा छाया होता है । अभिनव जैसे ही घर के अंदर थोड़ा जाता है, उसे लाश की बदबू आने लगती है जिसे वह बर्दाश्त भी नहीं कर पा रहा था । अभिनव उस बदबू का पीछा करते-करते एक ऐसे कमरे के अंदर पहुंचता है जिसमें वह देखता है उस कमरे में की लोगों के कंकाल पड़े होते हैं ।‌ वह सिसकने कि आवाज अब धीरे-धीरे बंद हो जाती है और अचानक वह आवाज डरावनी आवाज में बदल जाती है । अभिनव को यह समझ में आ चुका था कि, उस पिशाच ने उसे मौत के जाल में फंसाने के लिए वह आवाज निकल रही थी ।‌ अभिनव को अब एहसास होने लगता है मानो वह आवाज धीरे-धीरे अभिनव की तरफ बढ़ रहा हो परंतु अभिनव काफी गौर से उस तरफ देखने की कोशिश करता है परंतु वहां पर उसे कोई भी दिखाई नहीं दे रहा होता है ऐसा लग रहा था मानो वह पिशाच अंधेरे में कहीं विलुप्त होकर आ रहा हो । अचानक वह पिशाच अभिनव के पीछे से, उसपर अटैक कर देता है । अभिनव उस हमले की वजह से काफी डर चुका था वैसे तो उस कुछ खास चोटे नहीं लगी थी, परंतु डर की वजह से वह वहीं पर जम गया होता है । थोड़ी देर के लिए फिर से वहां पर सन्नाटा छा जाता है । जिससे अभिनव को लगता है अब सब कुछ नॉर्मल हो गया है । परंतु एक बार फिर से वह पिसाच अभिनव का शिकार करने के लिए, जैसे ही उसके पास आता है, अचानक अभिनव अपने पास रखें खंजर से उसपर हमला कर देता है । चाकू लगने के बाद वह पिशाच एक जोरदार झटका अभिनव को देता है । जिससे अभिनव काफी दूर जाकर, दीवाल से टकरा जाता है और वह वहीं पर बेहोश हो जाता है । अभिनव शैतानी पिशाच पर खंजर से इसलिए वार करता है, क्योंकि संजीव ने पहले ही उसे गांव के मंदिर में रखें खंजर के बारे में बता दिया होता है । जिससे उस शैतानी पिशाच को खत्म किया जा सकता था । अभिनव का जैसे ही आंख खुलता है वह देखता है गांव के सभी लोग, एक बार फिर से उसके चारों तरफ खड़े होते हैं और अभिनव अपने पुश्तैनी गांव में होता है ।‌ क्योंकि संजीव ने गांव के सभी लोगों को अभिनव के बारे में बता दिया होता है कि, वह गांव के लोगों को बचाने के लिए, शैतानी पिशाच का शिकार करने गया है । जिसकी वजह से ही गांव के सभी लोग उसे बचाने के लिए उसके पुश्तैनी हवेली में गए होते हैं । जहां पर अभिनव गांव वालों को एक जिंदा लाश की तरह मिला होता है । इस घटना के बीत जाने के बाद अभिनव गांव में शिफ्ट हो जाता है । और गांव के लोग भी अभिनव को खुशी-खुशी अपना लेते हैं ।



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Note : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना देना नहीं है कृपया कर इस डरावनी हॉरर स्टोरी को मनोरंजन के दृष्टि कोण से ही पढे।

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