Daravani Horror story : शैतानी पिशाच
Daravani Horror story : शैतानी पिशाच - आपने अक्सर सुना होगा, जब अंधेरा होता है तो, शैतानी पिशाचों का आतंक शुरू होता है । यह बात बिल्कुल अलीगढ़ के ,,
Daravani Horror story : शैतानी पिशाच
Daravani Horror story : शैतानी पिशाच - आपने अक्सर सुना होगा, जब अंधेरा होता है तो, शैतानी पिशाचों का आतंक शुरू होता है । यह बात बिल्कुल अलीगढ़ के लिए फिट बैठती है, क्योंकि जैसे ही अलीगढ़ में सूरज डूबती है । वहां के लोग अपने घरों से निकलना बंद कर देते हैं क्योंकि, उस गांव पर अंधेरे में शैतानी पिशाच का कहर बरसने लगता है ।
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Daravani Horror story : शैतानी पिशाच |
अलीगढ में वैसे तो सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा होता है । अन्य गांव की तरह ही अलीगढ़ के लोग भी, अपना जीवन सामान्य लोगों की तरह गुजार रहे होते हैं । वहां पर भय, अकेलापन, सन्नाटा का खौफ नहीं था परंतु एक दिन यह सब बदल जाता है और अलीगढ़ के लोगों के मन में केवल और केवल भय, अकेलापन, सन्नाटा का बादल छा जाता है । इन सारी घटनाओं का शुरुआत अमावस्या के रात से होती है क्योंकि, उसी रात गांव वालों को पास के ही, जंगल से भयावाह चिखे सुनाई देती है । परंतु उस रात गलिगढ के लोग, उस बात को इग्नोर कर देते हैं । परंतु उसके अगले दिन से ही कोई शैतानी पिशाच अलीगढ़ में रहने वाले लोग का जीवन नर्क बनाना शुरू कर देता हूं । वह शैतानी पिशाच रात के सन्नाटे में लोगों का दरवाजा खटखटाता था । अलीगढ़ के कुछ ही लोग थे जो, उस शैतानी पिशाच को देख पाते थे । उस शैतानी पिशाच की आंखें पूरी तरह से चमकीली थी । जो अंधेरे में साफ-साफ दिखाई दे रही होती है । गांव के लोग उस शैतान के आंखों को देखकर बुरी तरह से, डर के खौफ में डूब जाते थे । परंतु अभी तक उस शैतानी पिशाच ने गांव वालों को किसी प्रकार का कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया होता है । परंतु फिर भी गांव वालों के मन में, उस शैतानी पिशाच को लेकर इतना डर भर गया था की, अंधेरे में अलीगढ़ के लोग निकालना भूल जाते हैं । शाम होते ही अलीगढ़ में पूरी तरह से सन्नाटा छा जाता । सभी लोग अपने घरों में अपनी जरूरत के समान अंधेरा होने से पहले ही रख लेते थे और भूल कर भी वे लोग सूरज डूबने के बाद अपने घर से नहीं निकलते थे । डर का यह सिलसिला काफी दिनों तक जारी रहता है । काफी दिन गुजर जाने के बाद भी उस शैतानी पिशाच का कहर, उस गांव पर जारी रहता है । परंतु इन सारी बातों से कहीं ना कहीं अलीगढ़ के लोग उब रहे थे । जिसके वजह से ही, गांव के दो नवयुवक लड़के इस बात का फैसला करते हैं कि, वे लोग अपना जीवन, उस शैतानी पिशाच से आजाद करके जिएंगे । वे लोग अपने मन में इस बात को ठान लेते हैं उन लोगों को यह भी बात पता था कि इसका अंजाम बहुत बुरा भी हो सकता है । परंतु उन सारी बातों को इग्नोर करते हुए, रात के अंधेरे में वे लोग अपने घर से गांव की तरफ नजर रख रहे होते हैं । आज वे लोग फैसला कर लिए होते हैं कि, उस शैतानी पिशाच के पीछे का राज वे लोग पता कर कर ही रहेंगे । काफी देर तक वे लोग उस पिशाच का इंतजार करते हैं, और जैसे ही वह पिशाच उनलोगों के घर के सामने से गुजरता है । समीर, आर्यन को उसके साथ पीछे-पीछे आने के लिए कहता है, परंतु आर्यन उस शैतानी पिशाच को देखने के बाद इतना ज्यादा डर चुका था कि वह वहां से हिल भी नहीं पता है । वे लोग कुछ कर पाते इससे पहले ही अंधेरे में वह शैतानी पिशाच कहीं विलुप्त हो जाता है ।
शैतानी पिशाच के विलुप्त हो जाने के बाद भी आर्यन के हाथ पैर काम नहीं कर रहे होते हैं, वह उस पिशाच को देखने के बाद इतना ज्यादा डर चुका था कि वह ना तो बोल पा रहा था और ना ही ठीक से खड़ा हो पा रहा था । काफी देर के बाद आर्यन नॉर्मल होता है । समीर को अब यह तो बात समझ में आ चुका था कि, अगर उस शैतानी पिशाच के राज के बारे में जानना है तो अकेले ही उसे उस पिशाच का पीछा करना पड़ेगा । समीर अगले रात भी उस शैतानी पिशाच का इंतजार, रात के सन्नाटे में कर रहा होता है, और जैसे ही वह शैतानी पिशाच उसके घर के आगे से गुजरता है वह चुपके से धीरे-धीरे छुपते-छुपाते, शैतानी पिशाच का पीछा करना शुरू कर देता है । यह सब करते हुए समीर को काफी भय लग रहा था । परंतु किसी प्रकार से वह अपने भय पर काबू करके उस शैतानी पिशाच का पीछा, करते-करते जंगल के पास पहुंच जाता है । वह शैतानी पिशाच जंगल के अंदर जाने से पहले, अचानक पीछे मुड़कर चारों तरफ देखती है, उस पिशाच डर का विकराल रूप देखकर समीर काफी डर जाता है परंतु अभी तक उस शैतानी पिशाच का नज़र समीर पर नहीं परा होता है । परंतु समीर अपना पूरा ध्यान उसी शैतानी पिशाच पर रखा होता है । थोड़ी देर में, वह शैतानी पिशाच एक पेर के पास जाता है और अचानक कहीं हवा में लुप्त हो जाता है । जिसे देखने के बाद समीर काफी आश्चर्यचकित रह जाता है, पहले तो समीर को लगता है उसकी पूरी मेहनत, एक बार फिर से बर्बाद हो चुका है । तभ समीर को उस पेड़ के पास कुछ धुंधला दिखाई देता है । घौर से देखने के बाद, समीर अपने गले से रुद्राक्ष निकलता है और अपने हाथों में लेकर, पेड़ की तरफ बढ़ना शुरू कर देता है । समीर उस पेड़ की तरफ बढ़ ही रहा होता है तभी अचानक समीर देखता है जंगल में काफी उजाला होने लगता है, पहले तो समीर को लगता है यह सब वह शैतानी पिशाच कर रहा है लेकिन, जैसे ही समीर का ध्यान आसमान की तरफ जाता है वह देखता है अमावस्या अब खत्म होने वाली होती है जिसके वजह से चंद्रमा कि चमक फिर से लौट रही होती है । चंद्रमा को देखने के बाद समीर को याद आता हैं, गांव के लोग कहते थे, अगर अमावस्या चढ़ रहा हो तो पिशाचों को पूरी शक्ति मिलती है परंतु, जैसे ही अमावस्या खत्म होने लगती है पिशाचों का शक्ति भी खत्म होने लगता है । इस बात को सोचने के बाद समीर में थोड़ी और हिम्मत आ जाती है । अब वह अपने हाथों पर रुद्राक्ष रखकर, पेड़ की तरफ बढ़ाना शुरू कर देता है । वह जैसे ही पेड़ के पास पहुंचता है वह देखता है, वहां पर मानव शरीर का एक हड्डी और एक खोपड़ी होता है जिसे देखने के बाद समीर समझ जाता है वह शैतानी पिशाच इस खोपड़ी का रूप धारण कर लिया है । समीर एक झटके के साथ दोनों चीजों को उठता है और पुरी स्पीड के साथ वहां से भागना शुरू कर देता है । समीर को अब ढेर सारी पिशाचों की गुराने की आवाज सुनाई दे रही होती है । परंतु समीर उन सारी बातों पर गौर नहीं करता है और थोड़ी देर में ही, अपने गांव अलीगढ़ पहुंच जाता है और अपने गांव में आते ही समीर जोर जोर से शोर मचाना शुरू कर देता है और बार-बार वह एक ही बात को दोहरा रहा होता है । उठो गांव वालों, उठो गांव वालों मैंने तुम लोगों को उस शैतानी पिशाच के आतंक से आजाद कर दिया । यह बात सुनने के बाद, गांव के सभी लोग अपने घरों को छोड़ समीर के पास आ जाते हैं । गांव के सभी लोग अब एक जगह पर इकट्ठे हो गए होते हैं । उन्ही में से कुछ बूढ़े लोग समीर को राय देते हैं कि, उन हड्डियों को उन लोगों को जलाना पड़ेगा । इसके कुछ देर के बाद ही वे लोग उस हड्डी को आग के हवाले कर देते हैं । काफी देर के कठिन परिश्रम के बाद, वह हड्डी जल पाती है । गांव के सभी लोगों के, चेहरे पर खुशियां होती है । परंतु तभी अचानक अंधेरे में, हम देखते हैं कुछ होती है । जिसकी आंखें हूबहू उस शैतानी पिशाच की तरह था और वह धीरे-धीरे हवा में विलुप्त होना शुरू हो जाता है । आप लोगों को क्या लगता है दोस्तों अलीगढ़ के लोग को शैतानी पिशाच के आतंक से आजादी मिल गई या अभी भी उसे शैतानी पिशाच का कहर अलीगढ़ के लोगों पर टूटने वाली है ।
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Note : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है । इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना-देना नहीं है ।
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