काले साय का आतंक : daravani horror story - new horror story 2024

काले साय का आतंक, एक daravani horror story है। भय और सन्नाटा से भरपूर इस डरावनी हॉरर स्टोरी को हिंदी पढिये और एक डरावनी सफर पर निकलिए ।  


काले साय का आतंक : daravani horror story


काले साय का आतंक : daravani horror story : रात के सन्नाटे में ‌सूरज को एक आवाज सुनाई देती है, उस आवाज को सुनने के बाद सुरज काफी घबरा जाता है क्योंकि वह आवाज उसके दादी की होती है, जो 5 साल पहले ही मर चुकी‌ थी । परंतु किसी प्रकार से डरते डरते वह अपने घर के बाहर आता है, तो वह देखता है कि कोई औरत उसके दरवाजे से कुछ दूरी पर ही, खड़ी होती है । कुछ समय के लिए सूरज तो अपना शुद्ध बुद्ध खो देता है क्योंकि उस समय गांव में पुरी तरह से सन्नाटा होता है । दूर-दूर तक सूरज को कोई आदमी घर के बाहर नहीं दिखाई दे रहा था । 


काले साय का आतंक : daravani horror story
काले साय का आतंक : daravani horror story


कुछ देर के बाद सूरज सोचता है कि, वह उस औरत को आवाज लगाएगी परंतु अचानक उसे याद आती है की, हो सकता है यह कोई शैतानी शक्ति हो और मुझे कोई हानि पहुंचाए । वह इतना सोच ही रहा होता तभी वह औरत कहीं हवा में गायब हो जाती है । जिससे सूरज पुरी तरह से स्पष्ट हो जाता है कि, वह कोई शैतानी शक्ति थी । परंतु जैसे ही वह पीछे मुड़ता है अचानक वह शैतानी शक्ति उसके गेट पर चली जाती है । सूरज यह सब देखने के बाद काफी डर जाता है । वह कुछ कर पाता इससे पहले ही वह शैतानी शक्ति सूरज पर हमला करने के लिए दौड़ पड़ती है । ऐसा लग रहा था मानो वह शैतानी शक्ति सूरज की खून की प्यासी हो ‌। तभी सूरज की आंख खुल जाती है और वह देखता है कि वह अपने बिस्तर पर सोए हुए होता है । उसके चिख सुनने के बाद उसके घर के सभी लोग वहां पर पहुंच जाते हैं तो, देखते हैं कि सूरज पूरी तरह से पसीना से भिग गया होता है । उसके बाद परिवार के लोग जब उस इस बारे में पूछता हैं तो सूरज कुछ भी नहीं बताता है । और कहता है उसने एक डरावना सपना देखा है । इसके बाद परिवार के सभी लोग उसे शांत करके उसके कमरे से चले जाते हैं । वैसे तो परिवार के सभी को लोगों को ऐसा लगता है । सूरज नॉर्मल है परंतु, उसके चेहरे को देखने के बाद ऐसा लग रहा था उस काले साये को देखने के बाद वह पूरी तरह से खोफ में था ।‌ सूरज किसी प्रकार से उस रात को गुजराता है और उस बात को भूलने की कोशिश करता है, परंतु बार-बार वह खौफनाक दृश्य उसके नजरों के सामने आ रही होती है । ऐसा लग रहा था मानो कोई अदृश्य शक्ति उस पर काबू करने की कोशिश कर रही हो । स्कूल में जाने के बाद भी सूरज का बर्ताव पूरी तरह से बदला हुआ लग रहा होता था जिसके वजह से स्कूल के लोग समझते हैं कि सूरज शायद बीमार हैं । जिसके वजह से स्कूल के लोग सूरज को घर भेज देते हैं । परंतु जैसे-जैसे शाम हो रही हो थी मानो कोई अदृश्य शक्ति उस धीरे-धीरे अपने काबू में कर रही होती है । घर पहुंचने के बाद परिवार के लोग भी सोचते हैं रात की घटना की वजह से हो सकता है, सूरज बीमार पड़ गया होगा । जिसके वजह से घर के लोग उसे आराम करने के लिए कहते है । सूरज अपने बिस्तर पर जाकर सो जाता है और सब कुछ नॉर्मल हो जाता है ।


शाम के 6:00 बजे उसके परिवार के लोग सूरज को काफी जागने की कोशिश करते हैं परंतु सूरज उस समय नहीं उठता है जिससे परिवार के लोग हार कर उसे कुछ देर और सोने देने का फैसला करते हैं ।‌ परंतु जैसे ही घड़ी की कांटे रात के 12:00 बजे पहुंचती है । और जैसे ही पूरी गांव में सन्नाटा हो जाती है । सूरज को वह आवाज फिर से सुनाई देने लगती है उस खौफनाक आवाज को सुनने के बाद सूरज उस आवाज की तरफ अट्रेक्ट होने लगता है । और वह घर के बाहर आ जाता है वह काला साया फिर से उसके घर के बाहर खड़ा होता है । वह काला साया धीरे-धीरे सूरज की तरफ मुड़ने लगता है वह काला साया देखने में काफी भयावह लग रहा था । और जैसे ही सूरज और उस काले साए की आंखें एक दूसरे से मिलती है थोड़ी देर के लिए सूरज को ऐसा लगता है कोई चीज उसके शरीर में प्रवेश कर ली हो । सूरज के चेहरे को देखने के बाद यह पूरी तरह से कंफर्म हो जाता है कि कोई काले साए ने उसके शरीर पर काबू कर लिया हो । क्योंकि पिछली बार वह उस काले साये को देखने के बाद ही डर जाता है परंतु इस बार वह उस काले साये के तरफ बढ़ना शुरू कर देता है । और वह काला साया अपने खौफनाक आवाज से सूरज को कह रही होती है “आओ आओ आज तुम्हारी मौत पुका‌ रही है” ऐसा कहने के बाद वह आत्मा धीरे-धीरे बढ़ने लगती है । सूरज भी उसके पीछे-पीछे चलना शुरू कर देता है और वह जैसे-जैसे काला साया सूरज को कह रहा होता है सूरज वैसा वैसा कर रहा होता है । उस अंधेरी और सुनसान रात में वह काला साया आगे आगे चल रही होती है और सूरज उसके पीछे-पीछे चल रहा होता है । थोड़ी दूर चलने के बाद ही वह काला शाया एक खंडहर में प्रवेश कर जाता है सूरज भी उसके पीछे-पीछे खंडहर की ओर जाने लगता है । उस खंडहर में जाते हि सूरज को कई सारे काले साये की आवाज आने लगती है । इसके बाद जब सूरज उस खंडहर के अंदर प्रवेश करता है तो वह रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्य देखता है वहां पर लोगों की आत्माएं होती है जो हाल फिलहाल में मरी हुई होती है । वह सारी आत्मा और आत्माओं का आवाहन कर रही होती है । सूरज को वह काले साए पूरी तरह से घुर रही होती है । वह काला साया जो उसे उसके घर से लाया होता है सूरज को एक जगह पर बैठने के लिए कहता है । जिसे देखने के बाद ऐसा लग रहा था होता है मानो वहां पर किसी की आहुति देने की तैयारी चल रही हो। सूरज बिना किसी सवाल को किये उस स्थान पर बैठ जाता है क्योंकि वह पूरी तरह से उन आत्माओं के कंट्रोल में था । इसके बाद सूरज को वह काले साये वहां पर पड़े सिंदूर को अपने शरीर पर लगाने के लिए कहता है । सूरज अपने पूरे शरीर पर उस सिंदूर को लगा लेता है और उस स्थान पर फिर से बैठ जाता है कुछ ही देर में उसकी आहुति देने वाली होती है । परंतु अचानक ही सूरज उन आत्माओं के वशीकरण से आजाद हो जाता है और वहां से उठकर भागना शुरू कर देता है क्योंकि सुरज पूरी तरह से अपने होशो हवास में आ गया था ।


उन काले सायों को देखने के बाद सुरज पूरी तरह से घबरा जाता है । इसके बाद वह काले साये समझ जाते हैं, कि यहां पर सूरज के अलावा और कोई इंसान आया हुआ है, वह काले साए उस इंसान को खोजने लगते हैं, तभी अचानक दीवार के बगल से सूरज की मां निकलती है और वहां से सूरज को लेकर भागना शुरू कर देती है सूरज की मां को पहले ही सूरज पर शक हो गया था । जिसके वजह से ही वह हर समय सूरज के ऊपर नजर रखे हुए बैठी होती है और जैसे ही सुरज उस खंडहर की तरफ आने लगता है वह उसके पीछे चुपके-चुपके आना शुरू कर देती है, सूरज की मां को सूरज के अलावा वहां पर कोई नहीं दिख रहा होता है, परंतु वह यह बात जानती थी कि सूरज के ऊपर किसी काले साये ने काबू कर लिया है । थोड़ी देर तक वह काले साए उन लोगों का पीछा करती है परंतु, जैसे ही घड़ी की सुई 2:00 बजे पहुंचती है । अचानक वह सारी आत्माएं फिर से उस खंडहर के अंदर कैद हो जाती है क्योंकि वह काले साए अमावस्या के दिन सूरज की आहुति देकर वहां से आजाद होना चाहते थे । जो किसी श्राप के वजह से वहां पर कैद हो चुके थे । अब क्योंकि सही समय पर सूरज की बली नहीं हो हुए पाती हैं जिसके वजह से वह फिर से एक बार अगले अमावस्या तक उस खंडहर के अंदर कैद हो जाते हैं । सूरज और उसकी मां सही सलामत धीरे-धीरे अपने घर की तरफ आना शुरू कर देते हैं । सच में दोस्तों लोग सच ही कहते हैं अगर आपकी मां आपके साथ हो तो मौत के मुंह से भी, आपको बचा के ला सकती है ।


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Note : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है इससे वास्तविक जीवन का कोई भी लेना-देना नहीं है कृपया कर इस स्टोरी को मनोरंजन की दृष्टिकोण से ही पर है

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