भटकती रूह की सच्ची कहानी, भूतिया कोटा होस्टल
रूह को कपा देने वाली हॉरर स्टोरी में रहस्यमई घटनाओं के साथ भय, डर, अकेलापन, सन्नाटा Gaon तांडव देखने को मिलेगा । हिंदी में भटकती रुह की सच्ची कहानी का।
भटकती रूह की सच्ची कहानी : भूतिया कोटा होस्टल
भटकती रूह की सच्ची कहानी : भूतिया कोटा होस्टल : यह कहानी एक ऐसे युवक की है जो भूत प्रेत जैसी चीजों पर कभी विश्वास नहीं किया करता था परंतु उनके जीवन में जब नकारात्मक शक्तियों ने प्रवेश किया तो उसका जीवन धीरे-धीरे तबाह होने लगा तो कहानी की शुरुआत कोटा के हॉस्टल से होती है । कोटा इंडिया की एक ऐसी जगह है जिसका नाम शायद ही किसी इंडियन ने ना सुना हो कोटा आईआईटी की पढ़ाई का एक बहुत बड़ा हब है
लेकिन इसके साथ-साथ कोटा में कई राज भी छुपे हैं कोटा में एक ऐसा पैलेस है जिसे लोग भूतिया मानते हैं कोटा का ब्रिज राज भवन पैलेस आज से लगभग 200 साल पुराना है जो अब एक होटल की तरह यूज किया जाता है
लेकिन कहते हैं, कि यह पैलेस देखने में जितना खूबसूरत और शानदार है। इसकी कहानी उतनी ही भयानक है लेकिन, कोटा के एक कॉलेज में पढ़ रहे रवि को इसका अंदाजा नहीं था । रवि हिस्ट्री का स्टूडेंट था । और अपने प्रोजेक्ट के लिए रवि को किसी तीन हेरिटेज बिल्डिंग्स पर रिसर्च करनी थी । और मोहन ने उनमें से एक हेरिटेज बिल्डिंग चुनी कोटा का ब्रिज राज भवन पैलेस और शायद उसकी यही भूल उसे बहुत भारी पड़ने वाली थी l रिसर्च के लिए स्पेशल परमिशन लेकर एक शाम वह अपनी दोस्त और प्रोजेक्ट पार्टनर रिया के साथ ब्रजराज भवन पैलेस पहुंच गया वैसे तो रवि के कोटा में रहने वाले एक दोस्त ने उसे बताया था कि बृजराज भवन पैलेस हैंटेड माना जाता है और उन्हें रात होने से पहले वहां से निकल जाना चाहिए, लेकिन रवि इन सब चीजों में नहीं मानता था । जब रवि और रिया वहां पहुंचे तो वह पैलेस बिल्कुल बाकी पैलेस की तरह नॉर्मल लग रहा था पत्थर से बनी हुई दीवारें बड़े-बड़े गार्डेंस और खूबसूरत नक्काशी, रवि और मोहन पैलेस की रिसर्च में इतना बिजी हो गए कि रात कब हुई उन्हें पता ही नहीं चला वो दोनों पैलेस से बस जाने ही वाले थे , कि रवि को पैलेस के कमरे के सामने से गुजरते हुए एक बहुत ठंडी हवा का झोका महसूस हुआ । वह वहीं रुक गया और उस कमरे के बंद दरवाजे की तरफ देखने लगा रिया को अचानक ऐसा लगा कि जैसे कोई उस कमरे के अंदर बैठकर रो रहा है रवि की तरफ मुड़ा पर रिया वहां नहीं थी उसके साथ चलते चलते अचानक से रिया कहीं गायब हो गई थी उधर अंदर से आ रही रोने की आवाज एकदम से तेज होने लगी । रवि को अब हल्की हल्की घबराहट शुरू हो गई थी । वह रिया को पुकारने लगा उसकी आवाज पूरे पैलेस में मानो गूंज रही थी लेकिन रिया का कोई नामो निशान ही नहीं था अब उस कमरे से आ रही रोने की आवाज और तेज हो गई थी रवि को ऐसा लग रहा था कि कोई आदमी दर्द में गुर्रा रहा है और जोर जोर से रो रहा है । रवि कांपते हुए दरवाजे के पास गया और उसने अपना कान दरवाजे पर लगा लिया लेकिन तभी एकदम से वो रोने की आवाज बंद हो गई । |
उस कमरे के दरवाजे पर ताला लगा था तो रवि दरवाजे पर लगी खिड़की से अंदर झांकने लगा लेकिन अंदर उसे कोई इंसान नहीं दिख रहा था वह वहां से जा ही रहा था कि अचानक वह बंद दरवाजा अपने आप खुल गया । रवि को कुछ समझ नहीं आया कि जिस दरवाजे पर ताला लगा था वह अपने आप अचानक कैसे खुल गया । रिया हिम्मत करके उस दरवाजे के अंदर चला गया उसने देखा कि कमरे के कोने में एक रोटेटिंग चेयर पर एक हट्टा कट्टा आदमी बैठा है । जिसकी पीठ रवि की तरफ है उस आदमी ने एक यूनिफॉर्म पहनी हुई है ब्रिटिश इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म रवि ने देखा कि वहां वही आदमी बैठा रो रहा है । मोहन ने उसे आवाज लगाई उससे पूछा कि उसे क्या हुआ है । लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया रवि हिम्मत करके उसके पास गया और उसने जैसे ही उस आदमी के कंधे पर हाथ रखा । रवि का हाथ उसके शरीर के आर पार हो गया तभी अचानक उस आदमी की गर्दन अपने आप पूरी उल्टी हो गई । उसकी एक आंख फूटी हुई थी और दूसरी आंख बिल्कुल सफेद थी।
ऐसा लग रहा था कि उसका पूरा चेहरा सड़ चुका है व अचानक रोते रोते रुक गया और इंग्लिश में अजीब अजीब सी कमांड देने लगा और फिर उसके तुरंत बाद एक अजीब ढंग से हंसने लगा । यह सब देखकर मोहन बहुत ज्यादा डर गया । वह सीधा दरवाजे की तरफ भागा पर दरवाजा बंद हो चुका था रवि उसे खोलने की बहुत कोशिश कर रहा था लेकिन, वो दरवाजा खुल ही नहीं रहा था तभी रवि ने देखा कि वह भयानक आदमी उसके ठीक सामने खड़ा था और उसके हाथ में राइफल थी । जिसे उसने रवि पर तान रखा था कमरे की सारी लाइट्स अचानक बंद होने लगी । रवि अब बिल्कुल सुन पड़ गया था । उसे लगा कि उसकी जिंदगी का आखिरी दिन नजदीक आ गया है । वह आदमी जोर से चिल्लाया और उसने अपनी राइफल चला दी एक बहुत तेज आवाज हुई और मोहन चीक उठा तभी अचानक मोहन को ऐसा लगा कि जैसे किसी ने उसका कंधा पकड़ा है और उसका नाम पुकार रहा है । उसने आंखें उठाकर देखा तो सामने रिया बैठी थी वह रवि को होश में लाने की कोशिश कर रही थी यह देखते ही रवि एकदम हैरान रह गया उसने आसपास नजर घुमाई तो सब वैसे का वैसा ही था उस रूम पर ताला लगा था और अंदर कोई भी नहीं था रिया ने मोहन को बताया कि वो पिछले 15 मिनट से बिना कुछ बोले उस कमरे की तरफ देखे जा रहा था और फिर अचानक चीख के नीचे गिर गया रवि को पहले तो कुछ समझ नहीं आया कि उसके साथ अभी क्या हुआ था और रिया उसे क्या बता रही है उसे कुछ देर के लिए लगने लगा कि शायद वह उससे झूठ बोल रही है ।
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