भटकती आत्मा : साय की गिरफ्त - Horror stories in hindi

दिल को दहला देने वाली, यह डरावनी हॉरर स्टोरी एक भटकती आत्मा की है जो रात के सन्नाटे में लोगों को अपना शिकार बनाती थीं । 

भटकती आत्मा : साय की गिरफ्त - Horror stories in hindi


भटकती आत्मा : साय की गिरफ्त  : यह  डरावनी होरर स्टोरी अजय और राहुल की है जो बचपन से ही बहुत अच्छे दोस्त थे वह दोनों हमेशा साथ रहते थे इसके साथ ही वह भूत प्रेत जैसी चीजों पर विश्वास नहीं करते थे ,आज का दिन कुछ अलग था आज अजय का 18th बर्थडे था राहुल ने अजय के बर्थडे के लिए एक बहुत ही स्पेशल आईडिया सोच रखा था




भटकती आत्मा : साय की गिरफ्त
Horror story in Hindi 


 वह अजय को रात 12:00 बजने से ठीक पहले ही एक बीच पर ले गया पर 12:00 बजते ही राहुल ने अजय को हैप्पी बर्थडे विश किया और अपने बैग से एक शराब की बोतल निकाली अजय वो बोतल देकर थोड़ा चौक गया आज से पहले उन दोनों में से, किसी ने कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाया था । राहुल ने अजय से कहा कि यह उसकी बर्थडे सेलिब्रेशन का ही एक हिस्सा है अजय भी अपनी लाइफ में एक नया एक्सपीरियंस लेना चाहता था। इसलिए उसने राहुल की बात झट से मान ली वो दोनों समुद्र के किनारे काफी देर तक बैठकर शराब पीते रहे कुछ देर बाद राहुल को जोर से टॉयलेट आ गया वो उठकर एक पेड़ के पास टॉयलेट करने चला गया लेकिन नशे में धुत राहुल ने यह देखा ही नहीं कि वह पेड़ कोई आम पेड़ नहीं बल्कि एक पीपल का पेड़ था टॉयलेट करते हुए अचानक से राहुल के सर पर एक पत्थर आ पड़ा राहुल ने पेड़ की तरफ सर उठाकर देखा तो उसे वहां कोई नहीं दिखा इतने में अजय भी उस पेड़ के पास आ गया उसके हाथ में एक खाली बोतल थी और उसने मजाक में उस बोतल को जोर से राहूल के पास फेंका वो बोतल सीधा उस पीपल के पेड़ पर जा लगी और उसके टुकड़े टुकड़े हो गए पर उस बोतल के पेड़ पर लगते ही एक अजीब सी आवाज आई ऐसी आवाज जैसे कोई जानवर गुस्से में गुर्रा रहा हो । एक मिनट के लिए अजय और राहुल दोनों ही शांत हो गए लेकिन कुछ ही पलों बाद वो आवाज आना बंद हो गई तभी अचानक से अजय ने नीचे पड़े टूटे हुए कांच के टुकड़ों में से एक पीस उठाया और उस पेड़ के तने पर कांच के टुकड़े से अपने और राहुल के नाम के फर्स्ट लेटर्स लिख दिए । पेड़ पर उस कांच को खरोंचते हुए कहा अजय अब यह दिन हमें हमेशा याद रहेगा उसके इतना बोलते ही उस पीपल के पेड़ डालिया जोर जोर से हिलने लगी और कुछ ही सेकंड में एक बड़ी सी टहनी सीधा आकर अजय के सर पर गिरी और अजय वही बेहोश हो गया यह देखकर राहुल का नशा मानो एक सेकंड में चूर हो गया वह जल्दी से अजय के पास गया और उसे होश में लाने की कोशिश करने लगा तभी राहुल को अपने पीछे से एक आवाज आई मानो पेड़ से कुछ नीचे गिरा राहुल ने जैसे ही पीछे मुड़कर देखा उसके पैरों तले जमीन खिसक गई उसके ठीक पीछे एक काली सी परछाई थी जिसकी दो नीली आंखें अंधेरे में चमक रही थी राहुल को अपनी नजरों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था राहुल को लगा कि जो भी उसके पीछे है वह कोई ना कोई सुपर नेचुरल क्रीचर है । वह जैसे ही उस जीव से दूर जाने के लिए भागा उस जीव ने उस पर हमला कर कर दिया उसके बड़े-बड़े नाखून राहुल की पीठ में घुस गए लेकिन चीखता हुआ राहुल जैसे तैसे उस जीव की पकड़ से छूटा और वहां से दूर भाग गया दूर जाकर राहुल ने देखा कि वह जीव एक काली परछाई में बदल गया है और वह बेहोश पड़े अजय के मुंह के अंदर घुस गया और तभी अचानक अजय अपनी बेहोशी से उठ खड़ा हुआ राहुल दूर से उसका नाम बार-बार पुकार रहा था पर जय मानो सुन होकर एक ही जगह पर खड़ा था उसकी आंखें पूरी तरह से नीली पड़ चुकी थी और वह बस वहां एक पुतले की तरह खड़ा था तभी अचानक से अजय जमीन की तरफ झुका और उसने वहां पर पड़े टूटे हुए कांच का एक टुकड़ा उठा लिया और अपनी शर्ट फाड़कर अपनी छाती पर उसी कांच के टुकड़े से वह ए जे लिखने लगा ठीक वैसे ही जैसे उसने उस पीपल के पेड़ पर लिखा था यह सब देखकर राहुल की रूह काप गई थी सुबह के 5:00 बज चुके थे ।


और समुद्र के ऊपर से अब सूरज उगता दिखने लगा था अजय के ऊपर जैसे ही सूरज की रोशनी गई अजय अचानक से होश में आ गया ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे अपने साथ हुई कोई भी चीज याद नहीं थी और वह अपने सीने पर बने घाव को देखकर बहुत ज्यादा घबरा गया था उसके बाद वह दोनों चुपचाप अपने घर चले गए उस दिन शाम होते ही अजय की तबीयत खराब होने लगी अजय अपने बिस्तर पर लेट तो गया पर उसे बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी उसके दिमाग से उस जीव की शक्ल निकल ही नहीं रही थी तभी अजय को अपने कमरे से किसी के गुरने की आवाज आने लगी यह आवाज ठीक वैसे ही थी जैसी उन्हें कल उस पेड़ के पास से आ रही थी अजय इतना घबरा गया कि उसने डर के मारे अपनी आंखें बंद कर ली और चादर को अपने मुंह पर चढ़ा लिया । आगे की कहानी जानने के लिए हमारे इस ब्लॉगर पोस्ट कमेंट करें अजय और राहुल के साथ आगे चलकर क्या हुआ और वह काला साया कौन था । और क्यों उन लोगों का पीछा कर रहा था ।




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