Daravani horror story : दफनाई गई आत्मा - best horror story in Hindi
Daravani horror story : दफनाई गई आत्मा : रहस्यों से भरपूर एक horror story है । एक ऐसा रहस्य जिसमें दफनाई गया लाश, अपने मौत का बदला रहस्माई तरीके से लेता है ।
रात के सन्नाटे में पीयूष काफी गुस्से में आनंद की घर की ओर जा रहा होता है । वह जोरों से आनंद के घर के दरवाजा को पीटने लगता है । उसके चेहरे के हाव-भाव को देखने के बाद, ऐसा लग रहा था । मानो वह आनंद पर काफी गुस्सा हो । काफी देर दरवाजा खटखटाने के बाद भी, आनंद दरवाजा नहीं खोलता है । जिसके वजह से पीयूष ओर ज्यादा गुस्सा हो जाता है । वह अपने पैरों से उस दरवाजे पर एक जोरदार वार करता है । जिसके वजह से दरवाजा एक भारी आवाज के साथ टुट जाता है । पीयूष उस घर के अंदर चला जाता है और जोर-जोर से आनंद का नाम लेकर पुकारने लगता है और कहने लगता है “कहां मर गए आनंद, बाहर निकालो । आज मैं तुम्हें मौत के घाट उतार कर रहुगा’’ । तभी आनंद, पियूष को कहता है । “तो तुम्हें पता चल गया सच्चाई । चलो कोई बात नहीं, अब बहुत ज्यादा देर हो चुका है” । पीयूष, आनंद का यह बात सुनने के बाद पूरी तरह से गुस्से में लाल हो जाता है । पीयूष, आनंद की ओर गुस्से में जाता है और उसके गले को दबाना शुरू कर देता है । पीयूष बार-बार एक ही बात को दोहरा रहा होता है, तुमने मेरे साथ धोखा किया है, इसका अंजाम सिर्फ एक ही है । वह है मौत, आज भगवान भी तुम्हें मेरे हाथों से नहीं बचा सकता है । इतना कहते हुए पीयूष आनंद का गला काफी जोरों से दवाने लगता है । गला दबाने की वजह से, आनंद का दम घुटने लगता है । तभी आनंद के हाथों में, एक शीशे का बोतल लग जाता है । जिससे वह पीयूष के ऊपर हमला कर देता है । उस हमले की वजह से, पियूष बुरी तरह घायल हो जाता है । उसके सर से काफी खून बहने लगता हैं । थोड़ी देर में ही उसका पूरा शरीर लहूलुहान हो जाता है । आनंद दूसरा वार कर पता इससे पहले ही पीयूष दम तोड़ देता है । पीयूष की मृत्यु हो जाने पर भी, आनंद को कोई दुख नहीं होता है । वह पीयूष के लाश को घसीटते हुए, गार्डन की तरफ ले जाता है । पीयूष के शरीर से निकल रहे खून के कारण, फर्श पर खुश का एक रेखा बन जाता है । आनंद अपने गार्डन में पियूष के लाश को दफनाने लगता है । वह काफी तेजी में अपने गार्डन के अंदर एक बड़ा सा गड्ढा खोदता है । जिसमें वह पीयूष के लाश को रख देता है और पियूष से कहने लगता है मिल गया ना तुम्हें जमीन में हिस्सा, अब रहो इस जमीन के अंदर । इतना सब कहने के बाद आनंद उसके डेड बॉडी को मिट्टी के अंदर दफना देता है । यह सब करते हुए आनंद को, थोड़ी भी हिचक महसूस नहीं हो रहा था । वह पीयूष की मृत्यु से काफी खुश होता है, उसके चेहरे पर एक सुकून का लहर होता है ।
आनंद, पियूष के डेड बॉडी को दफनाकर घर की तरफ जा ही रहा होता है । तभी, अचानक उसका पड़ोसी श्यामलाल आ जाता है और आनंद से कहने लगता है । क्या पीयूष घर पर है, थोड़ा भेजो तो उससे कुछ जरूरी काम है । आनंद जैसे ही श्यामलाल का यह बात सुनता है उसके सर से पसीने टपकने लगते हैं उसके हाथ पांव बुरी तरह से कांपने लगते हैं परंतु किसी प्रकार से वह अपने डर पर काबू करता है । और श्यामलाल को कहने लगता है पीयूष भैया, तो अपने बंटवारे का सामान लेकर दूसरे शहर शिफ्ट होने के लिए चले गए । इतना कहते हुए, आनंद के होट बुरी तरह से काप रहे होते हैं । श्यामलाल, आनंद का इतना बात सुनने के बाद, वह भी आनंद से अधिक सवाल नहीं करता है और वहां से चला जाता है ।
श्यामलाल के जाते ही, आनंद झटपट में, अपने घर के अंदर चला जाता है । थोड़ी देर में ही फ्रेश हो जाता है । जिसके बाद, वह सोने के लिए चला जाता है । तभी अचानक उसे अपने घर के बाहर से कुत्तों की रोने की आवाज सुनाई देने लगती है । वह बार-बार उस आवाज को इग्नोर करने की कोशिश करता है परंतु, वह आवाज बार-बार उसके कानों में खटक रही होती है । जिसके वजह से वह अपने आप को रोक नहीं पता है । और गुस्से के कारण घर से बाहर आ जाता है । आनंद जब घर से बाहर आकर देखता है । तो वहां पर पूरी कुछ भी नहीं होता है । आनंद जब अपने चारों तरफ देखता है तो, उसे वहां पर चारों तरफ केवल और केवल सन्नाटा ही सन्नाटा दिखाई देता है । तभी अचानक उसे अपने गार्डन की ओर से, कुछ हलचल सुनाई देता है। उस हल-चल की वजह से, उसका ध्यान उस गड्ढे की ओर चला जाता है । जहां पर वह अपने भाई पीयूष को दफनाया होता है । वह उस गधे की तरफ देखते हुए कहता है, मिली गई तुम्हें बंटवारे का जमीन, अब शांति से इस जमीन के अंदर रहो” । आनंद इतना कह ही रहा होता है तभी, वह पूरी तरह से मौन हो जाता है ।
Daravani horror story : दफनाई गई आत्मा - best horror story in Hindi
दफनाई गई आत्मा : एक Daravani horror story है । पीयूष अपने भाई को मारकर, उसके डेड बॉडी को दफना देता है । जिसके बाद, पीयूष कि भाई की आत्मा, पीयूष के साथ कुछ ऐसा करता है जिससे पीयूष की रूह कांप जाती है ।
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Daravani horror story : दफनाई गई आत्मा |
रात के सन्नाटे में पीयूष काफी गुस्से में आनंद की घर की ओर जा रहा होता है । वह जोरों से आनंद के घर के दरवाजा को पीटने लगता है । उसके चेहरे के हाव-भाव को देखने के बाद, ऐसा लग रहा था । मानो वह आनंद पर काफी गुस्सा हो । काफी देर दरवाजा खटखटाने के बाद भी, आनंद दरवाजा नहीं खोलता है । जिसके वजह से पीयूष ओर ज्यादा गुस्सा हो जाता है । वह अपने पैरों से उस दरवाजे पर एक जोरदार वार करता है । जिसके वजह से दरवाजा एक भारी आवाज के साथ टुट जाता है । पीयूष उस घर के अंदर चला जाता है और जोर-जोर से आनंद का नाम लेकर पुकारने लगता है और कहने लगता है “कहां मर गए आनंद, बाहर निकालो । आज मैं तुम्हें मौत के घाट उतार कर रहुगा’’ । तभी आनंद, पियूष को कहता है । “तो तुम्हें पता चल गया सच्चाई । चलो कोई बात नहीं, अब बहुत ज्यादा देर हो चुका है” । पीयूष, आनंद का यह बात सुनने के बाद पूरी तरह से गुस्से में लाल हो जाता है । पीयूष, आनंद की ओर गुस्से में जाता है और उसके गले को दबाना शुरू कर देता है । पीयूष बार-बार एक ही बात को दोहरा रहा होता है, तुमने मेरे साथ धोखा किया है, इसका अंजाम सिर्फ एक ही है । वह है मौत, आज भगवान भी तुम्हें मेरे हाथों से नहीं बचा सकता है । इतना कहते हुए पीयूष आनंद का गला काफी जोरों से दवाने लगता है । गला दबाने की वजह से, आनंद का दम घुटने लगता है । तभी आनंद के हाथों में, एक शीशे का बोतल लग जाता है । जिससे वह पीयूष के ऊपर हमला कर देता है । उस हमले की वजह से, पियूष बुरी तरह घायल हो जाता है । उसके सर से काफी खून बहने लगता हैं । थोड़ी देर में ही उसका पूरा शरीर लहूलुहान हो जाता है । आनंद दूसरा वार कर पता इससे पहले ही पीयूष दम तोड़ देता है । पीयूष की मृत्यु हो जाने पर भी, आनंद को कोई दुख नहीं होता है । वह पीयूष के लाश को घसीटते हुए, गार्डन की तरफ ले जाता है । पीयूष के शरीर से निकल रहे खून के कारण, फर्श पर खुश का एक रेखा बन जाता है । आनंद अपने गार्डन में पियूष के लाश को दफनाने लगता है । वह काफी तेजी में अपने गार्डन के अंदर एक बड़ा सा गड्ढा खोदता है । जिसमें वह पीयूष के लाश को रख देता है और पियूष से कहने लगता है मिल गया ना तुम्हें जमीन में हिस्सा, अब रहो इस जमीन के अंदर । इतना सब कहने के बाद आनंद उसके डेड बॉडी को मिट्टी के अंदर दफना देता है । यह सब करते हुए आनंद को, थोड़ी भी हिचक महसूस नहीं हो रहा था । वह पीयूष की मृत्यु से काफी खुश होता है, उसके चेहरे पर एक सुकून का लहर होता है ।
आनंद, पियूष के डेड बॉडी को दफनाकर घर की तरफ जा ही रहा होता है । तभी, अचानक उसका पड़ोसी श्यामलाल आ जाता है और आनंद से कहने लगता है । क्या पीयूष घर पर है, थोड़ा भेजो तो उससे कुछ जरूरी काम है । आनंद जैसे ही श्यामलाल का यह बात सुनता है उसके सर से पसीने टपकने लगते हैं उसके हाथ पांव बुरी तरह से कांपने लगते हैं परंतु किसी प्रकार से वह अपने डर पर काबू करता है । और श्यामलाल को कहने लगता है पीयूष भैया, तो अपने बंटवारे का सामान लेकर दूसरे शहर शिफ्ट होने के लिए चले गए । इतना कहते हुए, आनंद के होट बुरी तरह से काप रहे होते हैं । श्यामलाल, आनंद का इतना बात सुनने के बाद, वह भी आनंद से अधिक सवाल नहीं करता है और वहां से चला जाता है ।
श्यामलाल के जाते ही, आनंद झटपट में, अपने घर के अंदर चला जाता है । थोड़ी देर में ही फ्रेश हो जाता है । जिसके बाद, वह सोने के लिए चला जाता है । तभी अचानक उसे अपने घर के बाहर से कुत्तों की रोने की आवाज सुनाई देने लगती है । वह बार-बार उस आवाज को इग्नोर करने की कोशिश करता है परंतु, वह आवाज बार-बार उसके कानों में खटक रही होती है । जिसके वजह से वह अपने आप को रोक नहीं पता है । और गुस्से के कारण घर से बाहर आ जाता है । आनंद जब घर से बाहर आकर देखता है । तो वहां पर पूरी कुछ भी नहीं होता है । आनंद जब अपने चारों तरफ देखता है तो, उसे वहां पर चारों तरफ केवल और केवल सन्नाटा ही सन्नाटा दिखाई देता है । तभी अचानक उसे अपने गार्डन की ओर से, कुछ हलचल सुनाई देता है। उस हल-चल की वजह से, उसका ध्यान उस गड्ढे की ओर चला जाता है । जहां पर वह अपने भाई पीयूष को दफनाया होता है । वह उस गधे की तरफ देखते हुए कहता है, मिली गई तुम्हें बंटवारे का जमीन, अब शांति से इस जमीन के अंदर रहो” । आनंद इतना कह ही रहा होता है तभी, वह पूरी तरह से मौन हो जाता है ।
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आनंद के चेहरे पर डर का लकीर साफ-साफ दिखाई दे रहा होता है ऐसा लग रहा था मानो, आनंद ने अपने सामने कुछ देख लिया हो । जो काफी भयावाह हो । थोड़ी देर में ही हम देखते हैं, मिट्टी के अंदर से दो हाथ निकलता है । जो पूरी तरह से खून से लटपथ होता है । आनंद कुछ कर पाता इससे पहले ही पीयूष का डेड बॉडी उस मिट्टी के अंदर से बहार निकलकर खड़ा हो जाता है । आनंद कुछ कर पाता इससे पहले ही, उसका डेड बॉडी बिजली गिरफ्तार से उसके पास पहुंच जाता है और उसके गले को दबाना शुरू कर देता है । आनंद भी, पीयूष की तरह छटपटाने लगता है । आनंद का अब दम घुटने लगता है । तभी अचानक आनंद की आंख खुल जाता है । वह देखता है, वह अभी भी अपने कमरे के अंदर बिस्तर पर होता है । वह पूरी तरह से पसीने से भीगा हुआ होता है, साथ ही उसकी सांसे काफी तेज चल रहा होता है । आनंद जैसे तैसे करके अपने आप को शांत करता है और फिर से सोने की कोशिश करता है । परंतु, आनंद को उस घर में, घुटन महसूस होने लगता है । ऐसा लग रहा था मानो, उसकी सांसे कोई रोक रहा हो । आनंद की आंखों में नींद पूरी तरह से भरी हुई होती है । परंतु फिर भी वह सो नहीं पा रहा होता है । वह अपने आप को काफी देर तक शांत करने की कोशिश करता है । उसका यह कोशिश सफल भी हो जाता है, वह थोड़ी देर के लिए शांत भी हो जाता है परंतु उसकी यह शांति क्षण भर की होती है । क्योंकि अचानक उसे अपने पीछे से कुछ आहते आने लगती है । आनंद जब अपने पीछे मुड़कर देखा तो, दीवाल पर खून से लिखा होता है यू लीव माई हाउस । आनंद यह सब जैसे ही देखता है, उसका धड़कन बढ़ने लगता है । एक बार फिर से भय, उसके शरीर को कंपाने लगता है । डर के वजह से, उसके हाथ पांव बुरी तरह से कांपने लगता हैं । वह बिना कुछ सोचे समझे वहां से निकलकर भागना शुरू कर देता है । हरबराहट की वजह से, वह बिना कुछ देखे भागना शुरू कर देता है । हरबराहट की वजह से, उसका पैर दरवाजे से टकरा जाता है और उस टक्कर की वजह से, आनंद का सर सीधा कांच के बोतल से टकरा जाता है । जिसके वजह से आनंद का दम तोड़ देता है ।
इन सारी चीजों को देखने के बाद ऐसा लग रहा था मानो, पीयूष की आत्मा ने, अपने मौत का बदला लिया है या प्रकृति ने आनंद को उसके किए गए कर्मों का सजा दिया है ।
Daravani story : दफनाई गई आत्मा : यह horror story पूरी तरह से काल्पनिक है । इस हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना देना नहीं है ।कृपया कर इस स्टोरी को मनोरंजन की दृष्टिकोण से ही पढे ।
इन सारी चीजों को देखने के बाद ऐसा लग रहा था मानो, पीयूष की आत्मा ने, अपने मौत का बदला लिया है या प्रकृति ने आनंद को उसके किए गए कर्मों का सजा दिया है ।
Daravani story : दफनाई गई आत्मा : यह horror story पूरी तरह से काल्पनिक है । इस हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना देना नहीं है ।कृपया कर इस स्टोरी को मनोरंजन की दृष्टिकोण से ही पढे ।
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