daravani horror story 2024 : रहस्यमई झोपड़ी - short Horror stories in hindi

रहस्यमई झोपड़ी, 2024 का सबसे daravani short Horror story है । यह स्टोरी रहस्य, सन्नाटा और अंधेरे से भरपूर, रूह को कपा देने वाली है ।


daravani horror story 2024 : रहस्यमई झोपड़ी - short Horror stories in hindi 


daravani horror story 2024 : रहस्यमई झोपड़ी ; आपने अक्सर सुना होगा, जब अंधेरा शुरू होता है तो, काली शक्तिया अपना तांडव दिखाना शुरू करती है । परंतु, वह काली शक्तियों हमेशा एक अन्य रूप धड़के आती है ।‌ “रहस्यमई झोपड़ी” का मुख्य पात्र एक चुड़ैल है जो, एक औरत का रूप धारण करके जंगल के बीचो-बीच रहती है और जंगल में आए लोगों को शिकार करती है ।


daravani horror story 2024 : रहस्यमई झोपड़ी
daravani horror story 2024 : रहस्यमई झोपड़ी

सूरज ढलने वाला होता है, जिसके वजह से अंधेरा अपना धीरे-धीरे बाहें पसार रहा होता था । गांव के सभी लोग जंगल से अपने घर की तरफ जा रहे होते थे, तभी अचानक वे लोग देखते हैं, एक तेज रफ्तार से गाड़ी जंगल की तरफ आ रही थी । उस गाड़ी के अंदर विवेक, अजय और अनिकेत बैठा होता है ।‌ वे लोग पूरी तरह से शराब के नशे में डूबे हुए थे । जिसके वजह से, वे लोग गाड़ी काफी तेज चला रहे होते हैं । तभी अचानक उस रोड से गुजर रहे हैं, एक वृद्ध आदमी उन लोगों को गाड़ी रोकने का इशारा देता है । वे लोग जैसे ही उस वृद्ध आदमी के सामने, अपने गाड़ी को रोकते हैं वह वृद्ध आदमी अपने कपकपाते स्वर में कहता है ।‌ इस वक्त कहां जा रहे हो बेटा, सूरज ढलने वाला है अब अंधेरा शुरू होने वाला है और जैसे ही अंधेरा होगा, उस रहस्यमई झोपड़ी वाली चुड़ैल का आतंक शुरू हो जाएगा । उस वृद्ध आदमी के‌ चेहरे पर उस रहस्माई जंगल का डर साफ-साफ दिखाई दे रहा था । परंतु शराब के नशे में धुत होने के कारण, वे लोग उस वृद्ध आदमी के बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं । जिसके बाद एक बार फिर से, वे लोग अपने गाड़ी को स्टार्ट करते हैं और जंगल की तरफ जाने लगते हैं । थोड़ी देर में ही, वे लोग उस जंगल के बीचो-बीच पहुंच जाते हैं । पहले तो वे लोग एक साफ सुथरा जगह ढूंढते हैं ।‌ जिसके बाद वे लोग वहां पर कैंप के लिए टेन्ट लगाना शुरू कर देते हैं । क्योंकि वे लोग उस जंगल में पार्टी करने के लिए आए होते हैं । थोड़ी देर में ही वे लोग, जंगल के बीचो-बीच एक टेंट लगा देते हैं और उसे टेस्ट से थोड़ी दूर पर ही कैंप फायर जला लेंते है और उस कैंप फायर का आनंद लेते हुए, अपने दोस्तों के साथ मौज मस्ती भरे बातें करने लगते हैं । तभी अचानक एक जोर की आंधी आती है, जिससे उन लोगों का कैंप फायर बुझ जाता है ।‌ जब वे लोग आसमान की तरफ देखते हैं तो पूरी तरह से दंग रह जाते हैं क्योंकि, आसमान पूरी तरह से काले बादल से ढके होते हैं ।‌ काफी जोरों से बिजलियां चमक रही होती है, इसके कुछ क्षणों के बाद हि, काफी जोरो की बारिश शुरू हो जाती है । वर्षा की वजह से, वे लोग अपने गाड़ी के अंदर चले जाते हैं । तभी अचानक, विवेक को दूर जंगल में एक झोपड़ी दिखाई दिया । उस झोपड़ी को देखने के बाद, वह अपने दोस्तों से वहां पर चलने के लिए कहता है । परंतु विवेक उस झोपड़ी के पास जाने से साफ-साफ मना कर देता है । परंतु अजय और अनिकेत के जिद के वजह से, विवेक को उन लोगों के साथ उसे जाना पड़ता है । थोड़ी देर में ही वे लोग, उसे झोपड़ी के पास पहुंच जाते हैं । उस झोपड़ी के दरवाजे को वे लोग दो बार खटखटाते हैं । तभी एक काफी सुंदर महिला, उस झोपड़ी का दरवाजा खोलती हैं ‌। इसके बाद अनिकेत और उनके दोस्त उस औरत से, उनके झोपड़ी में रात भर ठहरने का अनुमति मांगते हैं । जिस पर वह औरत कहती है । हां क्यों नहीं, रात के अंधेरी में आए मेहमानों को नहीं छोड़ना चाहिए । विवेक जैसे ही उस औरत का यह बात सुनता है, वह चौंक जाता है और उस औरत को कहने लगता है, नहीं छोड़ने से मतलब क्या है तुम्हारा । जिस पर वह औरत कहती है ।‌ नहीं नहीं मेरा मतलब वह नहीं था, मैं तो यह कहना चाहती थी कि, अगर रात में कोई मदद मांगे तो उसकी मदद जरूर करनी चाहिए । इतना सब कुछ कहने के बाद, वह औरत विवेक और उसके दोस्तों को अपने घर के अंदर आने के लिए कहती है और वह आगे आगे घर के अंदर बढ़ने लगती है । अजय और अनिकेत अपना पहला कदम उस घर के चौखट पर रखने ही वाला होता हैं तभी अचानक,विवेक उन लोगों को रोक लेता है और कहने लगता है क्या तुम लोगों को यह अजीब बात नहीं लगा । जंगल के बीचो-बीच, एक सुनसान झोपड़ी है और उस झोपड़ी के अंदर केवल एक औरत है । विवेक जैसे यह बात अपने दोस्तों से कहता है, उसके दोस्त कहने लगते हैं, क्या बेतुकी बातें तुम करते रहते हो । चलना है तो चलो, इस झोपड़ी के अंदर वरना, जाओ गाड़ी के अंदर रात भर रहना । विवेक के पास भी अब कोई चारा नहीं होता है,जिसके वजह से उसे भी उस रहस्यमई झोपड़ी के अंदर जाना पड़ता है । वे लोग जैसे ही उस रहस्यमई झोपड़ी के अंदर जाते हैं वह औरत उन लोगों को बैठने के लिए कहती है और साथ ही कहती है आप लोग थोड़ा देर रुकिए, मैं आप लोगों के लिए कुछ बनाकर लाता हूं । इतना कहने के बाद, वह औरत रसोई घर की तरफ जाने लगती है । उस औरत को रसोई घर में गए हुए, कुछ क्षण भी नहीं गुजरे होते हैं तभी अचानक, एक बार फिर से वह औरत अपने रसोई घर से बाहर आती है और अपने साथ लजीज खाने लाती है । वह औरत जैसे ही उस भोजन को, उन लोगों के साथ पास रखती है । अजय और अनिकेत उस भोजन को देखकर काफी खुश होते हैं, क्योंकि वह भोजन उन लोगों की मनपसंद लड्डू और बर्फी थी । विवेक यह सब देखकर काफी आश्चर्यचकित हो जाता है क्योंकि, कुछ क्षणों में ही वह कैसे भोजन बना सकती है वह भी उन लोगों का मनपसंद भोजन, इसके साथ ही विवेक के मन में एक सवाल यह भी चल रहा था, आखिर उस औरत को कैसे पता था कि, उन लोगों को क्या खाना पसंद है । विवेक के मन में इस प्रकार के हजारों सवाल चल रहे होते हैं । परंतु विवेक के दोस्त अजय और अनिकेत काफी चाव के साथ उस भोजन को खा रहे होते हैं । जिसके बाद वे लोग विवेक को भी भोजन करने के लिए कहते है । ना चाहते हुए भी, विवेक को वह भोजन खाना पड़ता है क्योंकि विवेक को भी उस खाने के अंदर कुछ गड़बड़ नहीं लग रहा था ।

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 । इसके कुछ क्षणों के बाद विवेक अपने दोस्तों से कहता है, रुको मैं 5 मिनट में बाहर से आता हूं मुझे कुछ जरूरी काम याद आ गया है । यह कहने के बाद विवेक उस रहस्यमई झोपड़ी से बाहर आ जाता है और पेड़ के पास खड़ा होकर हल्का (पेशाब करने लगता है) होने लगता है । तभी अचानक उसकी नजर अपने शर्ट पर गिरे खून पड़ जाता है। जिसे देखने के बाद वह पूरी तरह से आश्चर्यचकित हो जाता है ।‌ उसे यह समझ में नहीं आ रहा था आखिर, यह खून आया कहां से । जब वह अपने चेहरे को मिरर में देखता है तो एक पल के लिए वह पूरी तरह से हैरान रह जाता है । उसके चेहरे पर भी काफी खून लगे होते हैं, ऐसा लग रहा था मानो उसने किसी का कत्ल किया हो और उसका खून पिया हो । यह सब देखने के बाद विवेक को थोड़ा-थोड़ा अंदाजा होने लगा था कि आखिर, इस रहस्यमई झोपड़ी के अंदर चल क्या रहा है । इतना सब सोचने के बाद, विवेक एक बार फिर से उस रहस्यमई झोपड़ी के अंदर चला जाता है, वह जैसे ही अंदर जाता है, एक बार फिर से उसे काफी हैरानी होती है, क्योंकि अजय और अनिकेत के पास जो खाने का थाली और कटोरा होता है उसके अंदर कीड़े मकोड़े चल रहे होते हैं और साथ ही कटोरा के अंदर खून भरा होता है। जिसे अजय और अनिकेत अभी भी चाव से खा रहे होते हैं, क्योंकि वे लोग अभी भी उसे औरत के वशीकरण में फंसे होते है ।


धीरे-धीरे अनिकेत अपने दोस्तों की तरफ, बढ़ने लगता है और उन लोगों को खाना को खाने से मना करने लगता है । परंतु अजय और अनिकेत विवेक की एक बात भी नहीं सुन रहे होते हैं । जिसके वजह से विवेक काफी गुस्सा हो जाता है और एक जोर का चांटा उन दोनों को देता है । इसके अगले क्षण ही, उन लोगों का वशीकरण टूट जाता है । वशीकरण जैसे ही टूटता है, अजय और अनिकेत को भी काफी जोर का सदमा लगता है, क्योंकि सच्चाई उन लोगों के सामने आ चुका था । दूसरी तरफ वह औरत उस रहस्यमई झोपड़ी के अंदर बर्तनों में खून को गर्म कर रही होती है । उस औरत के चारों तरफ कंकाल ही कंकाल पड़े होते हैं ।‌ यह सब दृश्य रसोई घर के गेट पर खड़ा होकर, विवेक और उनके दोस्त देख रहे होते हैं । तभी वह औरत अपने असली रूप में आ जाति है । जिसे देखने के बाद विवेक और उनके दोस्तों के होश उड़ जाते हैं ।‌ वे लोग अपने जान को बचाने के लिए, गाड़ी के अंदर आकर बैठ जाते हैं और गाड़ी को स्टार्ट कर भागना चाहते हैं । परंतु गाड़ी का फूल एक्सलेटर देने के बावजूद भी, गाड़ी 1 इंच भी आगे नहीं बढ़ रही होती है । तभी विवेक अपने गाड़ी के साइड मिरर में देखता है वह औरत उस गाड़ी को पीछे से पकरी हुई होती है । थोड़ी देर के लिए विवेक और उनके दोस्तों को, यह एहसास हो जाता है कि आज उन लोगों का अंत तय है । तभी विवेक को याद आता है कि उसके गाड़ी में हनुमान मंदिर का भभूत पड़ा हुआ है, वह जैसे ही उस भभूत को उस औरत की तरफ फेकता है ।‌ उस औरत के शरीर में आग लग जाता है, जिसके वजह से वह छटपटाने लगती है । इसी बीच विवेक, अपने गाड़ी को पूरे स्पीड के साथ वहां से निकालने लगता है । वे लोग जैसे तैसे करके अपनी जान को, उस चुड़ैल से बचाते हैं । इस घटना के बाद विवेक और उसके दोस्तों का जंगल का नाम सुनकर ही रूह कांप जाता था ।


Note:  रहस्यमई झोपड़ी, Horror story पूरी तरह से काल्पनिक है, इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना-देना नहीं है । यह स्टोरी केवल मनोरंजन के दृष्टिको से बनाया गया है ।

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