Shaitani Siddhi: डरावनी हॉरर स्टोरी, Horror story in Hindi
शैतानी सिद्धि: एक daravani horror story
शैतानी सिद्धि, एक daravani horror story, सूर्यकुंड गांव की है । ऐसा माना जाता है कि, सूर्य कुंड गांव के लड़कियां, जब 21 साल की हो जाती है, तो उसे शैतानी शक्तियों का आवाहन कर, काला जादू की सिद्धि लेनी पड़ती है । सूर्य कुंड के लोग देवताओं की जगह, शैतानों की पूजा किया करते हैं परंतु, वर्षों से चल रहे, इस प्रथा को दामिनी नाम की लकड़ी तोड़ना का फैसला करती है । वह इस प्रथा को तोड़ने में भी, कामयाब हो जाती है परंतु उसे खौफनाक शैतानी शक्तियों का, सामना करना पड़ता है ।
इस डरावनी कहानी की आरंभ, सुबह के पहली किरण के साथ होती है । जब कुछ लड़के और लड़कियां एक दरवाजे पर खड़े होते हैं । वे लोग उस दरवाजे को धीरे-धीरे खटखटा रहे होते हैं । इसके कुछ क्षणों के बाद है, दामिनी उस दरवाजे को खोलती है और बाहर आती है। इसके बाद दरवाजे पर खड़े, दामिनी के दोस्त उसे उसके जन्मदिन की बधाई देने लगते हैं । दामिनी की एक दोस्त सोनाली उसे कहती है, दामिनी आज तुम पूरे 21 साल की हो गई हो । पार्टी कब दे रहे हो । दामिनी जैसे ही सोनाली की वह बात सुनती है, उसके चेहरे की चमक गायब हो जाती है, दामिनी कुछ सोचने लगती है । दामिनी का ऐसा रिएक्शन देखकर, उसके सारे दोस्त चौक जाते हैं, क्योंकि जन्मदिन पर लोग खुश होते हैं, ना कि दुखी । दामिनी पूरी तरह से भय के साए में डूबी हुई होती है, ऐसा लग रहा था मानो, उसे कोई राज अचानक याद आ गया हो । तभी सोनाली दामिनी से पूछती है, क्या हुआ दामिनी, तुम इतना दुखी क्यों हो, सोनाली कई बार इस बात को दोहराती है परंतु, दामिनी कोई भी रिप्लाई नहीं देती है जिसके वजह से वे लोग दामिनी से दुखी होकर वहां से वापस चले जाते हैं । उन लोगों के जाने के बाद, दामिनी अपने दरवाजे को एक बार फिर से बंद कर लेती है और सोने के लिए चली जाती है, क्योंकि उसके सर में काफी जोरों का दर्द हो रही थी । दामिनी की उस बिस्तर पर, थोड़ी आंख लगी ही होती है, तभी अचानक उसका फोन रिंग करने लगता है । दामिनी जब फोन उठाती है तो, वह देखती है उसकी मां कॉल कर रही होती है । दामिनी जैसे ही, उस कॉल को रिसीभ करती है, उसकी मां कहने लगती है, जन्मदिन मुबारक हो बेटा, तुम आज पूरे 21 साल की हो गई हो । दामिनी अपनी मां कि बातों का कोई भी जवाब नहीं देती है तभी एक बार फिर से, दामिनी की मां दामिनी को कहने लगती है, बेटा तुम अपने गांव की प्रथा तो नहीं भूली हो । तुम जल्द से जल्द अपने गांव आ जाओ । तुम्हें तो पता ही है, जब भी हमारे गांव में कोई लड़की 21 साल की होती है । उसे शैतान की सिद्धि लेनी पड़ती है । इस बात को सुनने के बाद दामिनी और ज्यादा दुखी हो जाती है । दामिनी की मां इस बात को कई बार दोहराती है । जिसके काफी देर के बाद दामिनी, अपने मां को हां कह देती है परंतु दामिनी को वह शैतानी सिद्धि लेने की थोड़ी भी इच्छा नहीं होती है और ना ही अपने गांव सूर्यकुंड जाने की ।
उसकी मन में लाखों सवाल चल रहे होते हैं क्योंकि दामिनी शैतानी शक्तियों की पूजा ना करके, शिवजी की भक्ति करती है । इसके कुछ क्षणों के बाद, कॉल डिस्कनेक्ट हो जाती है । दामिनी काफी देर तक, सूर्यकुंड जाने के बारे में सोचती है । काफी देर सोचने के बाद, दामिनी अपना सामान पैक करने लगती है । थोड़ी देर में दामिनी अपना सामान लेकर, बस स्टैंड की तरफ जाने लगती है। दामिनी जैसे ही, बस के कंडक्टर को सूर्य कुंड का टिकट देने के लिए कहती है, वह कंडक्टर बुरी तरह से कांपने लगता है और वह पूरी तरह से पसीने से भीग जाता है । उस कंडक्टर के चेहरे पर भय साफ-साफ दिखाई दे रहा था साथ हि उस बस में बैठे जितने भी लोग होते हैं, सभी लोग दामिनी को अजीब तरीके से देख रहे होते हैं । ऐसा लग रहा था मानो, सूर्यकुण्ड के शैतानी सिद्धि के सच्चाई से, सभी लोग परिचित हैं । इसके काफी देर के बाद बस कंडक्टर, दामिनी को टिकट दे देता है । उस पूरे सफर में, बस में बैठे लोग दामिनी को अजीब तरीके से देख रहे होते हैं । काफी देर के बाद, बस जंगल के बीचो-बीच, अचानक ब्रेक लगाती है । इसके बाद कंडक्टर दामिनी को वहीं पर उतरने के लिए कहता है । दामिनी कंडक्टर से कहने लगती है, भैया मुझे सूर्यकुंड के बस स्टैंड तक जाना है । आप जंगल के बीचो-बीच कहा उतार रहे हो । जिस पर दामिनी को, वह बस कंडक्टर कहने लगता है क्या तुम्हें नहीं पता है सूर्य कुंड के सिवान के अंदर पिछले दो सालों से कोई बस नहीं जाता है । इतना कहने के बाद बस का कंडक्टर, दामिनी और उसके सामान को सूर्यकुंड के सिवान पर उतार देता है जिसके बाद बस वहां से यू टर्न लेकर वापस शहर की तरफ जाने लगता है । दामिनी अकेले उस बीच रास्ते पर काफी डर रही होती है, क्योंकि उस रोड के चारों तरफ जंगल ही जंगल होते हैं, दामिनी को दूर-दूर तक वहा कोई इंसान नहीं दिखाई दे रहा था, दामिनी की नजर जहां तक जा रही थी, उसे सिर्फ जंगल और अंधकार के अलावा कुछ नहीं दिखाई दे रहा था । भय कि वजह से, दामिनी का बुरा हाल हो गया था । परंतु किसी प्रकार से डरते डरते, वह अपने गांव में पहुंच जाती है । दामिनी जैसे ही अपने गांव में पहुंचती है। वह देखती है, आज भी उसके गांव के लोग, उसी शैतानी शक्ति की पूजा कर रहे होते है, जो वर्षों से उनके पुर्वज करते आ रहे थे । दामिनी को वहां पर पहुंचे, आधे घंटे भी नहीं हो होते है, तभी अचानक उसके घर में, 5 लड़कियां आती है जो पूरी तरह से काले कपड़े पहने होते हैं । जिसके बाद दामिनी की मां, उसे स्नान करने के लिए बोलती है । स्नान करने के बाद उसे भी काले कपड़े पहनने के लिए दी जाती है । पहले तो दामिनी कुछ देर तक अपनी मां को समझने की कोशिश करती है कि, वह इस इस प्रथा को नहीं करना चाहती है साथ ही, वह शैतान की सिद्ध नहीं लेना चाह रही थी । परंतु दामिनी की मां उसे कहने लगती है, वर्षों से हमारे पूर्वज इस प्रथा को करते आ रहे हैं अगर हमने आज यह प्रथा नहीं किया तो हमारा पूरा गांव उस शैतानी शक्ति के कारण तबाह हो जाएगी । अपने मां के बातों के वजह से, दामिनी को भी वह सारे काले कपड़े पहनने पड़ते हैं । इसके बाद वह पांचों लड़कियां दामिनी को, एक गुफा के अंदर ले जाने लगती है । दामिनी जब उस गुफा के अंदर जाती है तो देखती है, वहां पर एक शैतान की मूर्ति बनी होती है और साथ ही वहां पर काला जादू के सामान रखे होते हैं, जैसे कि इंसानी खोपड़ी, खून , लाल सिंदूर, कुछ काले कपड़े के टुकड़े और साथ ही वहां पर एक सर्कल बना होता है । जिसके बीचों बीच दामिनी को वे लड़कियां बैठने के लिए कहती है । परंतु दामिनी ऐसा करने से मना कर देती है । जिसके बाद वे लड़कियां दामिनी को जबरदस्ती सर्कल के अंदर बैठाने लगती हैं । इसके बाद दामिनी को वे लोग शैतानी शक्तियों का आवाहन करने के लिए कहती है । परंतु दामिनी काफी देर तक कुछ नहीं बोलती है और पूरी तरीके से मौन रहती है परंतु, जब वे लोग बार-बार उस ऐसा करने के लिए कह रहे होते हैं । तभी अचानक दामिनी ओम नमः शिवाय का जाप करने लगती है । इस मंत्र को सुनने के बाद वहां पर खड़ी लड़कियां, उसे इस मंत्र का जाप करने से मना कर रही होती है । परंतु दामिनी पूरी तरह से अपने साधना में लिंन हो जाती है । वहां पर खड़ी लड़कियां बार-बार उस सर्कल के अंदर जाने की कोशिश कर रही होती है परंतु वे लोग, उस सर्कल के अंदर नहीं जा रहे पा रहे थे ऐसा लग रहा था मानो कोई अदृश्य शक्ति दामिनी की रक्षा कर रही हो । जिसके कुछ क्षणों के बाद ही, एक पानी का तेज बहाव, उस गुफा के अंदर आती है । जो अपने साथ उन सारे काला जादू के समान को बहाकर ले जाती है । साथ ही उस गुफा के अंदर जो शैतान की मूर्ति होती है वह अपने आप बीच से टूटना शुरू हो जाती है और कुछ ही देर में, वह शैतानी मूर्ति खंडित हो जाती है और उसके अंदर से खून की धारा निकलने लगती है । वहां पर खड़े वह लड़कियां यह सब देखते ही रह जाते है ।
इसके बाद से ही उस गांव में शैतान की जगह, देवी देवताओं की पूजा होने लगती है ।
शैतानी डॉल
नोट : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना-देना नहीं है इस डरावनी हॉरर स्टोरी को केवल और केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से बनाया गया है ।
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