horror story in Hindi 2024 : अकाल मृत्यु - एक Daravani horror story

रूह को कपा देने वाली, यह daravani horror story, एक ऐसे परिवार की है । जिसके पड़ोसी की अकाल मृत्यु हो जाती है । अकाल मृत्यु के कारण परिवार के सभी लोग को भय के साए में ,,,

horror story in Hindi 2024 : अकाल मृत्यु - एक Daravani horror story 


रूह को कपा देने वाली, यह डरावनी हॉरर स्टोरी, एक ऐसे परिवार की है । जिसके पड़ोसी की अकाल मृत्यु हो जाती है । उस अकाल मृत्यु के कारण, परिवार के सभी लोग को भय के साए में, रात गुजारनी पड़ती है । परंतु फिर भी वह शैतानी आत्मा उन लोगों को, मौत के घाट उतार देती है ।


horror story in Hindi 2024 : अकाल मृत्यु
horror story in Hindi 2024 : अकाल मृत्यु


डेविड अपने घर में सो रहा होता था, तभी उसे किसी की, फोन पर रोने की आवाज सुनाई देती है । जिसे सुनने के बाद, डेबिट काफी घबरा जाता है । क्योंकि अभी रात के 12:00 बज रहे होते हैं । डेविड अब धीरे-धीरे अपने बेड से उतरने लगता है और उस आवाज की तरफ जाने लगता है । वह जैसे ही अपना गेट खोलता है देखता है, उसकी मम्मी टेलीफोन पर किसी से बात कर रही होती है । तभी डेविड, अचानक कहता है, मम्मी इस वक्त आप किस से बात कर रही हो । डेबिट का इतना बात सुनते ही, उसकी मम्मी कहती है, बेटा में, शालू आंटी से बात कर रही हैं । देखो ना, आज फिर से उन लोगों ने झगड़ा किया हैं और टेलीफोन से मुझे अपने घर बुला रही है । डेबिट अपनी मां का, इतना बात सुनते ही, वह सुन पड़ जाता है क्योंकि शालू आंटी की अकाल मृत्यु 2 महीने पहले ही हो गई थी । इसके बाद डेविड अपनी मां को कहता है, मम्मी आप समझने की कोशिश करो, शालू आंटी की अकाल मृत्यु, दो महीने पहले ही हो गई ‌। डेविड इतना बात अपने मम्मी नताशा को समझा ही रहा होता है, तभी फिर से, एक बार टेलीफोन बजता है जिससे डेबिट काफी डर जाता है । वह सोचने लगता है आखिर इस वक्त किसका कॉल हो सकता है । वह डरते डरते टेलीफोन के पास जाने लगता है और जैसे ही टेलीफोन को अपने हाथ में उठता है । वह पूरी तरह से पसीने से भीग जाता है और वह वहीं पर गिर जाता है क्योंकि टेलीफोन से आने वाले आवाज शालू आंटी की होती है । डेविड जब नीचे परा हुआ होता है, टेलीफोन बार-बार बजता है, परंतु डेविड को, टेलीफोन उठाने की हिम्मत नहीं होती है । तभी डेविड को फ्लैशबैक की स्टोरी याद आने लगती है ।


जब शालू आंटी की 2 महीने पहले, टेलीफोन से कॉल आई थी । शालू आंटी फोन पर काफी रो रही होती है और बार-बार डेविड को नताशा से बात कराने के लिए कह रही होती है । जब डेविड अपनी मां को शालू आंटी के बारे में बताता है तो, डेबिट की मां इशारे से, डेबिट को फोन काटने के लिए कहती है । जिसके वजह से डेबिट टेलीफोन को रख देता है । टेलीफोन का कॉल जैसे ही डिस्कनेक्ट होता है, डेबिट की मां कहने लगती है इन लोगों का तो, रोज-रोज का यही नाटक है जब देखो आपस में लड़ते रहते हैं और लोगों को भी परेशान करते रहते हैं । रहने दो एक रात में ये लोग मर नहीं जाएंगे सुबह जाकर देखूंगा आखिर हुआ क्या है ।‌ डेविड की मां अयांश को अपने गोद में लिटाई होती है और इस बात को कह रही होती है । क्योंकि आयांश को काफी तेज बुखार होता है ।‌ (अयांश कोई और नहीं डेबिट का छोटा भाई होता है) । डेविड कि मां, शालू आंटी को इतना बोल तो देती है परंतु, इसका अफसोस उनको पूरे जीवन होती है क्योंकि शालू आंटी का वह आखरी दिन होती है l झगड़े के बाद उन्होंने जहर ख़ा ली थी, जिसके वजह से उनकी अकाल मृत्यु हो जाती है । सुबह होने से पहले ही, शालू आंटी के घर में चिक पुकारे मचने लगती है क्योंकि उन लोगों को पता चल चुका था शालू की अकाल मृत्यु हो चुकी है । डेविड की मां को जैसे ही शालू की, अकाल मृत्यु का खबर सुनती है, उसे काफी गहरा सदमा पहुंचता है और वह वहीं पर बेहोश हो जाती है । जिसके काफी देर के बाद, डेविड कि मां को होश आती है, परंतु इसके बाद, डेविड कि मां नताशा को, शालू की आत्मा दिखाई देने लगती है । डेविड की मां हमेशा शालू, शालू रट रह होती है ।‌ डेविड की मां, हवा में शालू से बातें करती थी और कभी-कभी गेट खोलकर घर से बाहर चली जाती थी और जब घर के लोग इस बारे में, पूछते तो वह कहती थी, शालू ने मुझे अपने घर पर बुलाई थी । जैसे-जैसे दिन बीत रहा होता हैं, डेविड की मां की दिमागी हालत और ज्यादा खराब होती जा रही थी । डेविड अपने मां की, इस स्थिति को देखने के बाद अपने आप कोशने लगता है । डेविड अब फैसला करता है कि, वह उस रात के आए टेलीफोन कॉल के बारे में, अपने पापा को आज रात में बता देगा । जिससे उसका मन हल्का हो सके । परंतु जैसे ही डेविड के पापा घर आते है, डेबिट देखता है उसके पापा आज बहुत ज्यादा खुश होते है ।‌ डेबिट जब अपने पापा से उस खुशी के बारे में पूछता है तो, डेबिट का पापा कहता है, हम लोग नए घर में शिफ्ट होने वाले हैं । क्योंकि शालू के पति ने, शालू की अकाल मृत्यु के बाद इस सोसाइटी को छोड़ने का फैसला किया हैं । जिसके वजह से वह अपने घर को आधे दाम में बेच रहे है, और मैंने उस घर को आधे दाम में खरीद लिया हु । इस बात को सुनने के बाद डेबिट को एक और बड़ा झटका लगता है । डेविड अपने पापा को समझने की कोशिश करता है, और कहता है मां की स्थिति आप देख ही रहे हैं, वह पहले ही शालू आंटी के, अकाल मृत्यु के बाद इतना ज्यादा डिस्टर्ब हो चुके हैं । फिर भी आप उस घर में जाने का फैसला कर रहे हैं । परंतु डेविड का पिता साफ-साफ, डेविल को कहता है हम लोग उस घर में शिफ्ट होने वाले हैं । क्योंकि इससे सस्ता हमें और कहीं भी घर नहीं मिलने वाला है । उस घर का एडवांस पहले ही मैंने शालू के पति को दे दिए । डेविड के पापा के जिद्द के वजह से, डेविड के परिवार वालों उनकी बात माननी पड़ती है । अगले ही दिन, वे लोग शालू आंटी के घर में शिफ्ट हो जाते हैं । 

नए घर में शिफ्ट होने के कारण डेबिट को नींद नहीं आ रही थी, जिसके वजह से वह काफी रात तक जगा हुआ होता है । वह सोने की कोशिश कर रहा था, तभी उसे एक आवाज सुनाई देता है । जो उसके छोटे भाई अयांश का होता है, आधी रात में अयांश की आवाज, घर के हाल में सुनने के बाद वह थोड़ा घबरा जाता है । इसके बाद डेविड सोचता है हो सकता है, यह उसके मन का भ्रम हो या उसे फसाने के लिए किसी प्रकार का कोई ट्रैप हो, डेविड यह सोच ही रहा होता है, तभी उसे अपनी मम्मी की भी आवाज सुनाई देती है । जिसे सुनने के बाद वह अपने वेड से उठ जाता है और हौल की तरफ धीरे-धीरे जाने लगता है ।‌ डेविड जैसे ही हौल में जाता है, वह देखता है, उसका छोटा भाई अयांश, काफी अजीबोगरीब हरकतें कर रहा होता है, आयांश का पूरा बाल बिखरा होता हैं और उसका आंख भी पूरा, लाल होता है । अयांश के सामने उसकी मां खड़ी होती है जिसे आयांश घूर घूर कर देख रहा होता है । तभी डेविड अपने मां के पास जाता है, और आयांश के इस हाल के बारे में पूछता है, जिसपर डेविड की मां कहती है वह आयांश नहीं शालू है, जो मुझे बुलाने आई है डेविड की मां इतना कह रही होती है, तभी आयांश दीवार पर धीरे-धीरे चढ़ने लगता है और अचानक दीवार से उतरकर अपने मां की तरफ जाने लगता है । अयांश अपने मां के कानों में कहता है, ‘’तुम मेरे साथ चलो वरना मैं आयांश को अपने साथ ले जाऊंगा’ । अयांश जैसे ही इस बात को, अपनी मां के कानों में कहता है वह वहीं पर बेहोश हो जाती है । उन सारी आहट की वजह से, डेविड के पिता भी जग गए होते हैं । डेविड और डेबिड की मां के साथ, कुछ अनहोनी होती, इससे पहले ही डेविड के पिता गंगाजल लेकर आते हैं और अयांश के ऊपर छिड़कने लगते हैं । जिसके वजह से अयांश के बॉडी से शालू की आत्मा निकल जाती है और आयांश नॉर्मल हो जाता है । इसके बाद डेबिट का पिता काफी जोर से रोने लगते हैं और डेबिट को कहने लगते हैं, काश मैं उस दिन तुम लोगों की बात मान लिया होतातो आज हम लोग इस मुसीबत में नहीं होते हैं । मेरे एक गलत फैसले की वजह से ही आज मेरा पूरा परिवार मुसीबत में पड़ा हुआ है ।


इसके बाद डेविड के पिता फैसला करते हैं कि, वह जल्द ही, अपने पुराने घर में शिफ्ट हो जाएंगे ‌। रात अधिक हो रही थी, जिसके वजह से एक बार फिर से, वे लोग सोने चले जाते हैं । परंतु जैसे ही रात के 12:00 बजते हैं । अचानक एक बार फिर से, डेबिड को बालकनी से, टेलीफोन पर किसी की रोने की आवाज आने लगती है । डेविड जैसे ही बाहर जाकर देखता है । वहां पर उसकी मम्मी टेलीफोन पर किसी से बात कर रही होती हैं । तभी डेविड, अचानक कहता है, मम्मी इस वक्त आप किस से बात कर रही हो । डेबिट का इतना बात सुनते ही, उसकी मम्मी कहती है, बेटा मैं शालू आंटी से बात कर रही हु । देखो ना, आज फिर से उन लोगों ने झगड़ा किया हैं और टेलीफोन से मुझे अपने घर बुला रही है । डेविड अपनी मां का, इतना बात सुनते ही, वह सुन पड़ जाता है ।



वह कुछ कर पाता इससे पहल ही, डेविड के मां को अंधेरे में कोई खींच लेता है । जिसके कुछ क्षणों के बाद ही, उसे अंधेरे से डेविड की मां की चीख-पुकार बाहर आने लगती है, ऐसा लग रहा था मानो, अंधेरे में कोई उसे मारने की कोशिश कर रही हो ‌। थोड़ी देर में ही वह चिख, सन्नाटा में तब्दील हो जाता है । उसे चीख की वजह से परिवार के सभी लोग उठ गए होते हैं । तभी डेबिट को अंधेरे में चमकते हुए, दो आंख दिखाई देती हैं, जिसे देखने के बाद डेबिट को पसीने छुटने लगते है । वह कुछ कर पाता इससे पहले ही वह चीज, डेबिट को भी अंधेरे में खींच लेती है । इसके बाद वह चिज़ एक-एक करके परिवार के सभी लोगों को, अंधेरे में खींचने लगती हैं और उन लोगों को मौत के घाट उतारने लगती है ‌‌। थोड़ी देर में ही वह घर पूरी तरह से शांत हो जाता है, ऐसा लग रहा था मानो उस घर के अंदर कोई हो ही नहीं । अगले दिन उस घर के अंदर डेविड के परिवार के लोगों की लाश भी नहीं मिलती है क्योंकि उस चीज ने डेविड के परिवार के लोगों की लाश को, रहस्यमई तरीके से कहीं गायब कर दी होती है ।




सारांश : हमें हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस घर में अकाल मृत्यु, हाल फिलहाल में हुई होती है, उस घर में हमें नहीं शिफ्ट होना चाहिए, क्योंकि वह आत्मा उस घर में, अभी भी अपनी अहमियत ढूंढती रहती है ।



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नोट : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना-देना नहीं है इस डरावनी हॉरर स्टोरी को केवल और केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से बनाया गया है ।









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