आपबीती सच्ची घटना : अधूरा रहस्य, Horror story in hindi


अधूरा रहस्य, एक आप बीती सच्ची घटना पर आधारित एक होरर स्टोरी है । इस स्टोरी में रूह को कपा देने वाली, डर और भय का सामना करना पड़ता है । अगर आप एक अच्छे स्टोरी की तलाश में है तो, इस स्टोरी को मिस मत करें।


आपबीती सच्ची घटना : अधूरा रहस्य


आपबीती सच्ची घटना : अधूरा रहस्यह वापस लौट चुकी है, वह वापस लौट चुकी है, ऐसा कहते हुए अचानक आयुष उठ जाता है । क्योंकि आज फिर से एक बार उसने अपने सपने में, उसी अजनबी परछाई को देखा होता है । ऐसा पहली बार आयुष के साथ नहीं हुआ होता है बल्कि, कई बार इस प्रकार की घटना आयुष के साथ हो चुका था । आयुष हमेशा ही अपने सपने में एक लड़की को देखा करता था जो उसे कभी भी पूरा नहीं दिखाई देती थी । वह कभी खिड़की के पीछे छुपी रहती है, तो कभी दरवाजे के पीछे, आयुष को सपने में केवल यही एहसास होता था मानो कोई खिड़की या दरवाजे के पीछे खड़ा है और जब भी वह सपने में उस परछाई के पिछे चेहरे को देखने की कोशिश करता, अचानक उसकी आंखें खुल जाती थी । और डर के वजह से वह पूरी तरह से पसीने से भीग‌ जाता था । 


आपबीती सच्ची घटना : अधूरा रहस्य
आपबीती सच्ची घटना : अधूरा रहस्य


आयुष उस डरावनी सपने से काफी परेशान हो गया था, जिसकी वजह से वह फैसला करता है कि इस बारे वह अपने साइकैटरिस्ट से, इस बारे में बातचीत करेगा । सुबह होने के बाद आयुष साइकैटरिस्ट के पास जाता है और वह उसे डरावने सपने और उस अजनबी परछाई के बारे में साइकैटरिस्ट को बताता है ।‌ इसके बाद साइकैटरिस्ट आयुष को एक पेन और कागज देता है और उसे अपने सपने में आ रही लड़की का स्केच बनाने के लिए कहता है । थोड़ी देर में ही आयुष अपने सपने में दिख रही अजनबी लड़की का स्केच बना देता है । और जैसे ही साइकैटरिस्ट उस स्केच को देखता है । अचानक उसके चेहरे का रंग उड़ जाता है । और उसके मुंह से एक ही आवाज निकलता है, यह नहीं हो सकता । इसके बाद आयुष को वह डॉक्टर कुछ मेडिसिन देकर घर भेज देता है । परंतु जैसे ही शाम होती है, आयुष को अजनबी आहटें आनी शुरू हो जाती है । ऐसा पहली बार हुआ होता है कि आयुष को वह अजनबी परछा‌ई रियल लाइफ़ में दिखाई दिया होता है । इससे पहले उसे केवल सपने में ही वह अजनबी परछाई दिखाई देती थी । धीरे-धीरे आयुष उस अजनबी परसाई का पीछा करना शुरू कर देता है । परंतु आयुष देखता है, वह अजनबी परछाई धीरे-धीरे बेसमेंट की तरफ जा रही होती है ।


आयुष को बेसमेंट में जाने से थोड़ा डर भी लग रहा था परंतु, वह सच्चाई का पता लगाना चाहता था आखिर, वह अजनबी परछाई है कौन और वह क्यों उसका पीछा कर रही है । जिसके वजह से वह परछाई का पीछा करते करते बेसमेंट में भी पहुंच जाता है । वहां पर जाने के बाद, आयुष देखता है बेसमेंट में पुरी तरह से अंधेरा होता है । जिसके वजह से वह अजनबी परछाई उस अंधेरे में कहीं विलुप्त हो जाती है और आयुष के नजरों से ओझल हो जाता है । उस अंधेरे में आयुष काफी देर तक, अजनबी परछाई को ढूंढने की कोशिश करता है परंतु आयुष को वह कहीं नहीं मिलती है । इसके कुछ क्षणों के बाद ही अचानक आयुष को डरावनी आहट आनी शुरू हो जाती है उसे ऐसा लग रहा था मानो बेसमेंट के चारों कोनों से कोई उसकी तरफ डरावनी आवाज निकालते हुए आ रही है । उस डरावनी आहट को सुनने के बाद, आयुष बुरी तरह से डर जाता है और बेसमेंट के बीचो-बीच जाकर खड़ा हो जाता है । वह आहटें धीरे-धीरे आयुष के पास पहुंच गई होती है परंतु तभी अचानक, वह आहट पूरी तरह से शांत हो जाती हैं । और बेसमेंट के अंदर पूरी तरह से सन्नाटा छा जाता है । परंतु वह सन्नाटा फिर से एक बार डर में बदल जाता है क्योंकि आयुष को फिर से एक बार एहसास होता है, मानो कोई उसकी तरफ आ रही है परंतु इस बार पीछे से कोई आ रहा होता है । उस आहट की वजह से आयुष का पूरा शरीर काप रहा होता है, तभी अचानक अंधेरे में कोई आयुष के कंधे पर हाथ रखता है । जिससे कुछ क्षणों के लिए आयुष को लगता है मानो, उसका शरीर एक जिंदा लाश बन गया हो । वह ना ही कुछ बोल पा रहा होता है और ना ही हिल पा रहा था । वह कुछ कर पाता इससे पहले ही पीछे से आवाज आती है । ‘इस वक्त तुम बेसमेंट में क्या कर रहे हो’ । उस आवाज को सुनने के बाद आयुष के शरीर में फिर से एक बार जान आ जाती है क्योंकि, वह आवाज किसी और की नहीं, उसके बड़े भाई का होता है । जो आयुष को पहले ही बेसमेंट में आते हुए देख लिया होता है । परंतु आयुष अपने बड़े भाई को उस अजनबी परछाई के बारे में कुछ नहीं बताता है ।‌ आयुष के साथ वह अननेचुरल घटना धीरे-धीरे बढ़ती ही जाती है वह अजनबी परछाई हमेशा आयुष को दिखाई देने लगती है । आयुष इतना ज्यादा डर चुका था कि, अपने घर के लोगों में भी उसे वह अजनबी परछाई दिखाई दे रहा होता है ‌। जिसके वजह से आयुष अपने घर के लोगों, से भी डर कर । उन लोगों से अलग रहने लगता है । रात के समय में जब आयुष गार्डन में टहल रहा होता है तभी, उसे अपने घर के अंदर से वही शैतानी आहट आनी शुरू हो जाती है इसके कुछ क्षणों के बाद ही अचानक लाइट चली जाती है ।‌ लाइट जाने के साथ ही वह शैतानी परछाई की आहट आनी तेज हो जाती है । जिसके वजह से, आयुष का डर दो गुना हो जाता है । फिर भी वह किसी प्रकार से अपने हाथों में एक टॉर्च लेकर सीडीओ से अपने रूम में जा रहा होता है । परंतु सीडीओ पर लड़खारने के कारण उसके हाथ से टॉर्च छूट जाता है, जो लुढ़कते हुए नीचे आ जाता है और उसके टॉर्च का फोकस एक दीवाल के पास चला जाता है। आयुष जब उस टच को उठाने के लिए नीचे झुकता है तभी अचानक उसका नजर दीवाल के पीछे खड़े उस अनजान परछाई पर पड़ता है । जिसे देखने के बाद आयुष अपना पूरा आपा खो देता है और डर के वजह से वह वहां से भागना शुरू कर देता है । थोड़ी देर में वह अपने कार के पास पहुंच जाता है और कार को स्टार्ट कर पूरी स्पीड के साथ भागना शुरू कर देता है । आयुष पूरी स्पीड के साथ साइकैटरिस्ट के पास जा रहा होता है। परंतु साइकैटरिस्ट के घर के पास जैसे ही वहां पहुंचने वाला होता है, अचानक उसे बीच रोड पर वही अजनबी परछाई दिखाई देता है जिसके वजह से आयुष काफी जोरो से गाड़ी का ब्रेक लेता है । जिसके कारण गाड़ी पूरी तरह से कंट्रोल से बाहर हो जाती है और साइकैटरिस्ट के घर के पास ही आयुष का गाड़ी पुल से नीचे गिर जाता है और गाड़ी के साथ-साथ वह भी पानी में डूबना शुरू हो जाता है । आयुष जब डूब रहा होता है तभी पानी के अंदर उसे वह अजनबी परछाई का चेहरा दिखाई देता है । उस चेहरे को देखने के बाद आयुष को बचपन का एक इंसिडेंट का विजन आता है ।‌ जिसमें आयुष, उसका बड़ा भाई और साइकैटरिस्ट कि बहन‌ दामिनी स्विमिंग पूल में नहा रही होती हैं । इसके कुछ क्षणों के बाद ही दामिनी, स्विमिंग पूल गहरी होने के कारण डूबने लगती है । परंतु आयुष और उसके बड़े भाई को लगता है दामिनी मजाक कर रही है जिसके वजह से आयुष और उसका बड़ा भाई दामिनी को बचाने नहीं जाता है । जिससे दामिनी का स्विमिंग पूल में डूबने के कारण मौत हो जाती है । आयुष और उसका बड़ा भाई चाहता तो दामिनी को बचा सकता था परंतु वे लोग वैसा नहीं करते हैं जिसके वजह से दामिनी अजनबी परछाई बनकर आयुष से अपना बदला लेती है ।‌ और ठीक उसी तरह घुट घुट कर पानी के अंदर आयुष को मार देती है । परंतु एक सवाल लोगों के मन में थी अगर दामिनी को अपनी मौत का बदला लेना ही था तो बेसमेंट के अंदर भी ले सकती थी क्योंकि वहां पर आयुष और उसका बड़ा भाई भी था जिससे एक साथ ही बदला पूरा हो जाता है । आप लोगों को क्या लगता है दामिनी एक साथ, आयुष और उनके बड़े भाई का शिकार बेसमेंट के अंदर क्यों नहीं कि कमेंट कर अपनी राय जरूर बताएं ।


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Note : यह डरावनी हॉरर स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस डरावनी हॉरर स्टोरी का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना देना नहीं है कृपया कर इस डरावनी हॉरर स्टोरी को मनोरंजन के दृष्टि कोण से ही पढे।








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