रहस्यमई आवाज : best horror story in Hindi

रहस्यमई आवाज, हिन्दी में पढ़ने के लिए best horror story है । यह एक ऐसे मंदिर की स्टोरी है जिसमें रहने वाली आत्मा अपनी आवाज से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते थी ।


रहस्यमई आवाज : best horror story in Hindi 


रहस्यमई आवाज, best horror story in Hindi : रहस्य से भरपूर, यह डरावनी हॉरर स्टोरी, एक ऐसे मंदिर की है । जिसमें रहने वाले आत्मा अपने रहस्यमई आवाजों से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया करती थी । जिसके बाद वह लोगों को मौत के साथ उतार दिया करती थी ।


रहस्यमई आवाज : best horror story in Hindi

रहस्यमई आवाज : best horror story in Hindi 



सुनसान रास्ते से मोहन अपने घर की तरफ जा रहा होता है, वह थोड़ी देर पहले ही सब्जिया लेने के लिए मार्केट, आया था । परंतु, उसे सब्जी लेने में थोड़ी देर हो जाती है । जिसके वजह से सूरज ढलना शुरू हो जाता है और अंधेरा भी धीरे-धीरे चारों तरफ फैलने लगता है । मोहन को सुनसान रास्ते पर दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई दे रहा होता है । यह अकेलापन मोहन को धीरे-धीरे अंदर से तोड़ रहा होता है ।‌ जिससे उसे काफी डर लग लगने लगती है ।‌ क्योंकि मोहन हमेशा ही, अपने गांव के से सुना था कि, गांव के बाहर जो मंदिर है उसके पास एक आत्मा रहती है । जो पहले अपने रहस्यमई आवाजों से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचती है और बाद में लोगों का शिकार किया करती है ।‌ इन सारी बातों को याद करते हुए, मोहन का शरीर कांप रहा होता है । परंतु किसी प्रकार से मोहन अपने डर पर काबू करके, उस सुनसान रास्ते से अपने गांव की तरफ बढ़ रहा होता है ।‌ तभी, अचानक मंदिर की ओर से, किसी बच्चे की रोने की आवाज आने लगती है । उस आवाज को सुनने के बाद, ऐसा लग रहा था मानो मंदिर के अंदर किसी बच्चे को बंद कर दिया गया हो । जिसके वजह से वह बच्चा रो रहा हो । पहले तो मोहन उस आवाज को इग्नोर करने की काफी कोशिश करता है ।‌ परंतु मोहन के मन में काफी सारे सवाल चलने लगते हैं । मोहन के मन में एक सवाल यह भी चल रहा होता है की, हो सकता है कोई बच्चा भूल चूक से उस मंदिर के अंदर छूट गया हो और पुजारी मंदिर को बंद करके अपने घर चले गए हो । इस बात को सोचते हुए मोहन धीरे-धीरे उस मंदिर की तरफ बढ़ने लगता है । मंदिर की ओर जाते हुए मोहन के चेहरे पर डर का लकीर साफ-साफ झलक रहा होता है। मोहन अपनी आंखों को चारों ओर गराए आगे की ओर बढ़ रहा होता है ।‌ मोहन जैसे ही उस मंदिर के दरवाजे के पास जाता है अचानक उस मंदिर का दरवाजा अपने आप खुल जाता है । जिसे देखने के बाद मोहन काफी आश्चर्यचकित रह जाता है परंतु, वह उस चिज पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पता है क्योंकि उस बच्चों की रोने की आवाज और तेज आने लगी होती है । मोहन जैसे ही अपना पहला कदम मंदिर के चौखट पर रखता है अचानक उसके सामने से, बिजली की रफ्तार से कोई चीज़ गुजरती है । मोहन को यह तो एहसास हो गया था कि, वह चीज जो गुजरी है वह कोई सुपर नेचुरल चीज है । मोहन यह सब बात सोच ही रहा होता है ।‌ तभी एक बार फिर से, उस बच्चे की रोने की आवाज उसके कानो में गूंजने लगती है । इस बार उस बच्चे की रोने की आवाज, मंदिर के दरवाजे के पीछे से आ रही होती है । मोहन सोचता है चलो, जब यहां तक आ गए तो थोड़ा अंदर भी जाकर देख लेते हैं शायद उस बच्चों की मदद हो जाए । इस बात को सोचते हुए मोहन अपना दूसरा कदम भी उस मंदिर के अंदर रख देता है । वह जैसे ही उस मंदिर के अंदर जाता है अचानक एक जोरदार आवाज के साथ मंदिर का दरवाजा अपने आप बंद हो जाता है । मोहन सोचता है, हो सकता है हवा के कारण दरवाजा बंद हो गया हो ‌।‌ इस बात को सोचते हुए, मोहन उस आवाज की तरफ बढ़ने लगता है । थोड़ी देर में ही मोहन उस आवाज के पास पहुंच जाता है । मोहन काफी देर तक मंदिर के अंदर, उस बच्चे को ढूंढने की कोशिश करता है । परंतु, मोहन जब-जब उस आवाज के पास पहुंचता था । वह आवाज अपने आप बंद हो जाता था और दूसरी ओर से वह आवाज आना शुरू हो जाता था । मोहन काफी देर तक इधर से उधर उस मंदिर के अंदर भटकता है । मोहन को अब धीरे-धीरे यह एहसास होने लगा था कि, यह कोई बच्चे की रोने की आवाज नहीं बल्कि, एक छलावा है जिसमें वह फंस गया है । मोहन अब उस मंदिर से निकलने का रास्ता ढूंढने लगता है परंतु, उस‌ मंदिर में जितने भी दरवाजे होते हैं, वह पूरी तरह से बंद होते हैं जिसे चाह कर भी मोहन खोल नहीं पा रहा होता है । अब‌ डर के मारे मोहन के हाथ पांव बुरी तरह से काप रहे होते हैं ।‌ तभी मोहन का नजर, एक ऐसे दरवाजे पर पड़ता है जो पूरी तरह से सील होता है । उस दरवाजे के ऊपर ताला लगा होता हैं और उस ताले के ऊपर लाल कपडा लपेटा हुआ होता हैं ।‌ तभी मोहन सोचता है, चलो मंदिर के अंदर फस गए हैं तो आज देख ही लेते हैं आखिर, उस बंद कमरे के अंदर है क्या । इतना सोचते हुए वह उस दरवाजे की तरफ बढ़ने लगता है, मोहन उस दरवाजे तक पहुंचने ही वाला होता है । तभी अचानक, एक बार फिर से वह चीज मोहन के सामने से बिजली के रफ्तार से गुजरती है । मोहन उस चीज को, देखने की काफी कोशिश करता है परंतु, वह उसकी रफ्तार की वजह से उस चीज को देख नहीं पाता है । किसी प्रकार से डरते डरते मोहन उस कमरे के पास पहुंचता है । वह उस कमरे के पास रखें एक ईट से उस दरवाजे पर लगे ताले तोड़ने लगता है । तभी मोहन को एहसास होता है मानो उसके पीछे कोई हो और वह उसे घूर रहा हो । इसके बाद मोहन अपने हाथ में रखें उस ईट को वहीं पर फेंक देता है और धीरे-धीरे पीछे की तरफ मुड़ने लगता है । वह जैसे ही पीछे मुड़ता है अचानक, वह पूरी तरह से शौक रह जाता है और वहां से भागना शुरू कर देता है ऐसा लग रहा था मानो उसने कुछ अजीबोगरीब चीज देख लिया हो । हरबराहट की वजह से, वह काफी तेजी से भाग रहा होता है जिसके वजह से उसका पैर किसी चीज से टकरा जाता है और वह वहीं पर गिरकर बेहोश हो जाता है ।

आखिर मोहन के साथ उसके बाद हुआ क्या, साथ ही मोहन ने अपने पीछे क्या देखा था जानेंगे कहानी के अगले भाग में ।

Read more horror stories-----



note : यह horror story पूरी तरह से काल्पनिक है ।‌ इस horror story का वास्तविक जीवन से कोई भी देना देना नहीं है ।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.