daravani Horror story : बुढ़िया, short horror story in Hindi


बुढ़िया, एक daravani Horror story है जिसमें लोगों के आत्माओं को गुड़िया के अंदर डालकर, मौत के घाट उतार देती थी । पढ़ने के लिए Best Horror story यह है।

daravani Horror story : बुढ़िया


बुढ़िया, daravani Horror story : यह daravani horror story, अभिषेक नाम के एक लड़के का है । अभिषेक जंगल में लकड़ी लाने गया होता है परंतु गने अंधेरे के कारण, वह जंगल में खो गया होता है । तभी जंगल में उसे एक बुढ़िया मिलती है, जो लोगों पर काला जादू करके, उनकी आत्माओं को गुड़िया के अंदर रखती थी जिसके बाद उन लोगों को मौत के घाट उतार देती थी, परंतु इन सारी बातों से अभिषेक अंजान होता है । जिसके वजह से, वह उस बुढ़िया(budhiya) के घर एक रात ठहर जाता है । इसके बाद अभिषेक के साथ कुछ ऐसा होता है जिससे उसकी रूह कांप जाती है ।


बुढ़िया(budhiya), daravani Horror story
बुढ़िया(budhiya), daravani Horror story


अभिषेक जंगल में लकरियों के लिए गया होता है परंतु, घना कोहरा होने के कारण वह रास्ता भटक जाता है । अभिषेक काफी देर तक उस घने कोहरे में अपने गांव की तरफ आने वाले रास्ते को खोजता है परंतु, उसे वह रास्ता नहीं मिलता है । जिससे अभिषेक को काफी डर लगने लगता है । क्योंकि घना कोहरा होने के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा होता है और साथ ही अब सूरज भी ढलने वाला होता है । तभी अभिषेक को उस घने जंगल में पेड़ के पास, कोई बैठा नजर आता है । वह जब थोड़ी दूर आगे बढ़कर देखता है तो, वहां पर एक तांत्रिक बैठा होता है जिसके शरीर पर ना के बराबर कपड़े होते हैं । जिसे देखने के बाद वह पूरी तरह से शोक रह जाता है क्योंकि उस जंगल में काफी ठंड पड़ रहा होता है परंतु, उस तांत्रिक के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं होता हैं । वह पूरी तरह से अर्धनग्न अवस्था में था । उसके हाथ में एक चिलम होता है, जिसे वह बार-बार पी रहा होता है । धीरे-धीरे अभिषेक उस तांत्रिक के ओर बढ़ने लगता है । उसे तांत्रिक के पास पहुंचने के बाद अभिषेक, उससे मदद मांगने लगता है । अभिषेक उस तांत्रिक से कहता है, बाबा मैं अपना बैतालपुर जाने का रास्ता भटक गया हूं, क्या मुझे आप बता सकते हैं बैतालपुर जाने का रास्ता कौन सा है । अभिषेक कई बार इस बात को दोहराता है परंतु वह तांत्रिक कुछ भी जवाब नहीं देता है । अभिषेक अपने मन में वहां से जाने का फैसला करता है, तभी अचानक वह तांत्रिक अभिषेक को कहता है । इस दाएं वाले रास्ते से तुम, सिधे बैतालपुर चले जाओगे । इतना सुनने के बाद, अभिषेक खुशी-खुशी उस रास्ते से जाने लगता है तभी अचानक उसे ऐसा एहसास होता है मानो, उसके पीछे-पीछे कोई परछाई आ रहा हो । वह उस परछाई से इतना ज्यादा डर चुका था कि, वह पूरी तरह से पसीने से लथपथ हो गया था । अभिषेक कई बार पीछे मुड़कर देखने का कोशिश करता है परंतु, डर के वजह से वह अपने पीछे मुड़कर नहीं देख पाता है। तभी उस परछाई के साथ-साथ अभिषेक को, किसी के कदमों की आहट भी सुनाई देने लगता है । जिससे वह अपने आप को रोक नहीं पता है और धीरे-धीरे अपने पीछे देखने लगता है तभी उसकी नजर उस तांत्रिक में पड़ता है जो उसके पीछे-पीछे आ रहा होता है ।




अभिषेक कुछ कह पाता, इससे पहले ही वह तांत्रिक कहता है, ‘मुझे लगा तुम्हें डर लग रहा था, जिसके वजह से मैं तुम्हारे पीछे-पीछे आ रहा हूं,’ तभी अभिषेक को कहता है डर और मुझे क्यूं लगेगा । अभिषेक इस बात को तो कह देता है परंतु, उसके चेहरे के एक्सप्रेशन को देखने के बाद, यह पूरी तरह स्पष्ट था उसे उस जंगल में काफी भय लग रहा होता है । अभिषेक का इतना बात सुनने के बाद, वह तांत्रिक उसे कहता है, ठीक है अगर तुम्हें मेरी आवश्यकता नहीं है तो मैं जा रहा हूं । वह तांत्रिक जैसे ही इतना कहता है, अभिषेक कहता है ‘नहीं नहीं बाबा मुझे इस जंगल में बहुत डर लग रहा है’ इतना सब सुनने के बाद वह तांत्रिक कहता है शैतानपुर जाने में तुम्हें काफी समय लग जाएगा, साथ ही अब सूरज भी ढलने वाला है, जिसके वजह से कुछ देर में और घना अंधेरा हो जाएगा और एक बार फिर से तुम इस जंगल में भटक जाओगे । ऐसा करो तुम पास ही में एक बुढ़िया का घर है, वह हमेशा ही जंगल में भटके लोगों को शरण देती है तुम उसके पास चले जाओ । वह तांत्रिक, अभिषेक को उस बुढ़िया के घर जाने का रास्ता बता देता है ।

इसके बाद अभिषेक, तांत्रिक के बताएं मार्ग पर धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगता है ‌। थोड़ी देर में ही अभिषेक उस घर के पास पहुंच जाता है परंतु जैसे ही, अभिषेक उस घर को देखता है उसकी रूह कांप जाती है क्योंकि, वह घर देखने में काफी डरावना लग रहा होता है । क्योंकि जंगल के बीचो-बीच, सुनसान जगह पर वही केवल एक टूटी फूटी घर दिखाई दे रही होती है । जो देखने में ऐसा लग रहा था मानो, सालों से कोई इस घर में नहीं रहता हो ।‌ परंतु अचानक उस डरावनी घर का दरवाजा अपने आप खुलता है और उस घर के अंदर से एक बुढ़िया निकलती है जिसके हाथों में एक लाठी होता है जिसके सहारे वह चल रही होती है । वह बुढ़िया अभिषेक को रुकने के लिए एक रूम दे देती है । अभिषेक एक बार नोटिस करता है कि, उस बुढ़िया के घर में ढेर सारे गुड़िया रस्सी से लटकाए हुए होते हैं, वह गुड़िया पूरी तरह से काले कपड़े से बने होते हैं । अभिषेक एक और अजीबोगरीब बात नोटिस करता है कि वह घर काफी बड़ा होता है परंतु, उस घर में वह बुढ़िया(badhiya) अकेले रहती थी । इन सारी बातों को सोचते हुए अभिषेक सोने की कोशिश कर रहा होता है परंतु, नई जगह पर आने की वजह से उसे नींद नहीं आ रही होती है तभी, अचानक उसे घर के दूसरे कमरे से किसी चीज की जलने की गंध आती है । अभिषेक काफी देर तक उस गंध को इग्नोर करता है परंतु, वह गंद आना और भी तेज हो जाता है। जिसके वजह से, अभिषेक अपने आप को रोक नहीं पाता है और उस गढ़ का पीछा करते-करते एक ऐसे रूम में पहुंच जाता है । जहां पर वह बुढ़िया काला जादू कर रही होती है । वह बुढ़िया उन गुड़ियाओं को हवन कुंड के चारों ओर रखी हुई होती है और साधना कर रही होती है । इसके बाद वह बुढ़िया एक-एक करके उन गुड़िया को उठती है और अजीबोगरीब तरीके से उनके शरीरों को मोड़ने लगती है । उस काला जादू करने के दौरान, उस बुढ़िया के चेहरे पर एक शैतानी हंसी होती है । ऐसा लग रहा था मानो उसे ऐसा करने से काफी खुशी हो रही हो । काफी देर तक वह बुढ़िया उस सिद्धि को करती है । अभिषेक को कुछ समझ नहीं आ रहा होता है आखिर यह बुढ़िया(badhiya) इतनी रात में क्या कर रही है । उन सारी सिद्धियां को करने के बाद, वह बुढ़िया सभी गुड़ियाओं के सर को धर से अलग कर देती है और उसे हवन कुंड से उठ जाती है । अभिषेक भी धीरे-धीरे उस बुढ़िया से बचते हुए, अपने रूम में चला जाता है । जैसे तैसे करके वह उस रात को गुजारता है । सुबह होते ही बिना किसी को कुछ बताएं अभिषेक उस घर से निकल जाता है और जैसे ही अपने गांव पहुंचता है ‌। वह पूरी तरह से दंग हो जाता है क्योंकि उसके गांव में, एक ही रात में अचानक रहस्यमय तरीके से, आठ लोगों की मौत हो गई होती है मौत का कारण किसी को भी नहीं पता होता है । बस उन लोगों के शरीर के सभी अंग पूरी तरह से टूटे होते हैं ऐसा लग रहा था मानो उनके शरीर के एक-एक हड्डी को पूरी तरह से ममोरकर तोड़ दिया गया हो । उन सारी लाशों को देखने के बाद, अभिषेक को रात का वह घटना याद आ जाता है साथ ही उसे यह भी ध्यान आता है कि उस हवन कुंड के पास 8 गुड़िया रखा हुआ था । ठीक उसी प्रकार वह बुढ़िया भी, उन गुड़ियाओं के शरीर को तोड़ ममोर रही थी जैसे उन लाशों की हड्डियां टूटी होती है ।

अभिषेक इन सारी चीजों को देखने के बाद, इतना डर चुका था कि उसके हाथ पांव बुरी तरह से काप रहे होते हैं, वह किसी को कुछ नहीं बात पता है । वह सच्चाई का पता लगाने के लिए, उस जंगल की ओर एक बार फिर से अकेले ही निकल जाता है । थोड़ी देर में ही, वह उस घर के पास पहुंच जाता है परंतु वह देखता है, उस घर के ऊपर ताला लटका होता है ‌‌। अभिषेक काफी देर तक उस घर के अंदर जाने का रास्ता ढूंढता है परंतु उसे वहां पर कोई भी रास्ता नहीं दिखाई देता है और जहां दरवाजे होते सभी पर ताला लगे होते हैं । तभी अभिषेक को घर से कुछ दूरी पर, एक वृद्ध आदमी दिखाई देता है । अभिषेक जैसे ही उस वृद्ध आदमी से उस घर में रहने वाली बुढ़िया के बारे में पूछता है तो, पहले तो वह वृद्ध आदमी अभिषेक को ऊपर से नीचे तक अजीबोगरीब तरीका से देखता है । कुछ देर के बाद वह वृद्ध आदमी कहता है, उस घर में तो 50 वर्षों से कोई नहीं रहता है और हां, एक बात याद रखो वह घर भूतिया है । माना जाता है सालों पहले, उस घर में एक डायन रहती थी जो लोगों के आत्माओं को गुड़िया के अंदर कैद कर लेती थी और लोगों को मौत के घाट उतार देती थी । इन सारी सच्चाई को जानने के बाद अभिषेक के पैरों तले जमीन खिसक जाती है ।


सारी सच्चाई को जानने के बाद, अभिषेक वापस अपने गांव आ जाता है । गांव आने के बाद भी,उसके मन में इतना डर समाया हुआ होता है कि, वह ना तो ठीक से खड़ा हो पा रहा होता है और ना ही कुछ बोल पा रहा है । उसके हाथ और पांव बुरी तरह से काप पर रहे होते हैं । अभिषेक जैसे तैसे कर दिन तो गुजार लेता है परंतु जैसे ही रात होती है, अचानक उसका दरवाजा कोई खटखटाता है । अभिषेक जैसे ही अपना दरवाजा खोलता है ।‌ वह पूरी तरह से शोक रह जाता है क्योंकि, उसके दरवाजे के सामने हूबहू उसके जैसे ही एक गुड़िया रखा होता हैं। जिसे देखने के बाद, अचानक अभिषेक दरवाजा पर गिरकर बेहोश हो जाता है ।‌


आप लोगों को क्या लगता है दोस्तों, अभिषेक के साथ इसके बाद क्या हुआ होगा । क्या एक बार फिर से उसके साथ शैतानी मौत का खेल शुरू हो गया होगा। जो उनके गांव के लोगों के साथ हुआ था या यह केवल अभिषेक के मन का एक भ्रम था ।


नोट : यह daravani horror story पूरी तरह से काल्पनिक है इस daravani horror story का वास्तविक जीवन से कोई भी लेना देना नहीं है कृपया कर इस daravani horror story मनोरंजन की दृष्टि

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